आम बजट 2020 पेश होने वाला है, जिसके दस्तावेजों की छपाई 20 जनवरी सोमवार से ‘हलवा रस्म’ के साथ शुरू हो गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2020-2021 का आम बजट पेश करेंगी। ऐसे में परंपरागत ‘हलवा रस्म’ का विशेष महत्व होता है। इस रस्म के अनुसार बजट से पहले लोहे की कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है। इस हलवे का वितरण वित्त मंत्री की मौजूदगी में मंत्रालय के सभी कर्मचारियों में वितरित किया जाता है। उसके बाद सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के अंदर बजट की छपाई में लग जाते हैं। इस दौरान कोई भी कर्मचारी अपने घर नहीं जाता है। सभी लोगों बजट पेश किए जाने तक वहीं पर रहते हैं।
Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman at 'Halwa Ceremony' being held at Ministry of Finance, North Block, to mark the beginning of printing of documents relating to Union Budget 2020-21. pic.twitter.com/WnCt9Hm4Ws
— ANI (@ANI) January 20, 2020
यह बजट ऐसे समय पेश होगा, जब देश की आर्थिक विकास दर छह साल के निचले स्तर पर आ गई है और लगातार कमजोर मांग के कारण आर्थिक सुस्ती बनी हुई है।
क्या है ‘हलवा रस्म’ की परंपरा
भारतीय परंपरा के अनुसार हर साल बजट को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में एकत्रित होते हैं। इसमें वित्त मंत्री भी शामिल होते हैं। यहां पर हलवा रस्म के लिए सबसे पहले एक बड़ी कढ़ाही लाई जाती है। जिसे चूल्हें पर चढ़ाया जाता है और इसमें हलवा बनाया जाता है। कढ़ाही गर्म होने के बाद इसमें घी वित्त मंत्री डालता है और हलवा बनाने की शुरूआत होती है। हलवा बनने के बाद इसका वितरण खुद वित्त मंत्री करता है, ताकि कर्मचारियों में हौसला अफजाई हो सके। इस रस्म का आयोजन बहुत पुराना है। इसके पीछे कारण यही है कि हलवे को काफी शुभ माना जाता है और शुभ काम की शुरुआत भी मीठे से की जाती है।
दस दिन मंत्रालय में ही रहते हैं कर्मचारी
बजट देश का महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे उद्योग और आम लोगों को बहुत उम्मीदें होती हैं। ऐसे में इसे पेश होने से पूर्व तक गुप्त रखा जाता है। हलवा रस्म के बाद नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बजट की छपाई शुरू हो जाती है, जो अगले 10 दिनों तक चलती है। इसमें उन्हीं कर्मचारियों को रहने की अनुमति होती है, जो बजट छपाई की सूची में शामिल है।
इसकी छपाई के दौरान मंत्रालय में मौजूद कर्मचारी यही पर रहते हैं। ऐसी परंपरा है कि बजट छपाई का काम शुरू होने से पहले बजट तैयार करने की प्रक्रिया से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े मंत्रालय के अधिकारियों को हलवा समारोह के बाद मंत्रालय में ही रहना पड़ता है। इनके खाने, रहने और सोने की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जाती है। ये अधिकारी संसद में बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं और बाहरी दुनिया यहां तक कि परिजनों से भी इनका संपर्क नहीं होता है। उन्हें फोन या ईमेल के जरिए भी किसी से संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है। मंत्रालय के सिर्फ शीर्ष अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति होती है।
क्या वजह है कमरे में बंद करने की
जब से बजट छपाई शुरू होती है। कर्मचारी प्रिंटिंग से पहले प्रूफ रीडिंग करते हैं और किसी तरह की गलती को ठीक करते हैं। इस दौरान उन्हें अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी फैसलों की जानकारी हो जाती है। ऐसे में अगर वो किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करेंगे तो वो सरकार की नीतियों का फायदा उठा सकते हैं।
माना कि किसी वस्तु के दाम बढ़ने वाला है और किसी कर्मचारी ने अपने परिचित को उसके बारे में जानकारी दे दी तो वह उस वस्तु की कालाबाजारी करने के लिए जमाखोरी कर सकता है। इससे उस वस्तु की कीमत बढ़ने पर वह व्यक्ति ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।
यानी कि कर्मचारी, सरकारी जानकारी का अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए सभी कर्मचारियों को हलवा रस्म के साथ कमरे में तब तक बंद रहना पड़ता है जब तक कि बजट लोगों के सामने न आ जाए।