बुधवार 10 अप्रैल, 2019 विज्ञान जगत के लिए किसी कल्पना को साकार होने का दिन है जो वर्षों पहले वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की कल्पना की थी। वैज्ञानिक वर्षों पहले से जानते हैं कि ब्लैक होल मौजूद है, लेकिन वह केवल कल्पना मात्र था। अब इसकी पहली बार तस्वीर आई है जिसमें ब्लैक होल के किनारों को दिखाया गया है – जिसे “घटना क्षितिज” कहा जाता है।
इस दुर्लभ नजारे की तस्वीर लेने के लिए दुनियाभर के छह स्थानों पर वैज्ञानिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ब्लैक होल की असली तस्वीर जारी की। इन 6 देशों में हवाई, एरिजोना, स्पेन, मैक्सिको, चिली और दक्षिणी ध्रुव में Event Horizon Telescope लगाया गया था। इसका निर्माण खासतौर पर ब्लैक होल की तस्वीर लेने के लिए ही किया गया था।
इवेंट होरिजन टेलीस्कोप (EHT) के निदेशक हार्वर्ड के शेपर्ड डोलमैन ने कहा कि ”इससे प्राप्त यह तस्वीर एक चमकदार “आग की अंगूठी” के समान दिखाती है, जो स्पष्ट रूप से एक ब्लैक होल थी।
The first ever image of a black hole.
Taken by Event Horizon Telescope. #EUFunded.#RealBlackHole. pic.twitter.com/seOgqfkuYL— European Commission (@EU_Commission) April 10, 2019
यह ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 6.5 बिलियन गुना ज्यादा बड़ा है।
खगोलविदों द्वारा ली गई तस्वीर में यह ब्लैक होल सुदूर आकाशगंगा में स्थित था। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह ब्लैकहोल धरती से 4000 करोड़ किमी दूर स्थित था।
ब्लैक होल क्या होता है?
सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल ऐसी खगोलीय घटना होती है, जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके कारण कोई भी वस्तु यहां तक कि प्रकाश भी आकर्षित होकर इसकी तरफ खिंचा चला आता है। ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है। उस सीमा को ‘घटना क्षितिज’ कहा जाता है। उसमें जो भी वस्तु समा तो सकती है लेकिन वापस नहीं आ सकती। इसलिए इसे ब्लैक होल कहा जाता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और उसके बदले में कुछ भी परावर्तित नहीं करता है।
क्या कहा था आइंस्टीन ने ब्लैकहोल के बारे में
इससे पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टिफन हाकिंग ने 1974 में पहली बार ब्लैकहोल से निकलने वाली हॉकिंग रेडिएशन की परिकल्पना की थी। हाकिंग की पिछले साल ही मौत हो गई। वहीं 1915 में जर्मन वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टिन ने सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत दिया था, इस सिद्धांत के तहत ब्लैकहोल की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक होती है कि यह आसपास की सभी चीजों को अपने अंदर खींच लेगा।