देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के तहत राजस्थान और तेलंगाना में आने वाली 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है। वोटिंग के लिए अब प्रचार का दौर थम चुका है। चुनाव से पहले नेताओं के धुंआधार चुनावी दौरों और रैलियों की हर तरफ चर्चा रहती है। इसी बीच हर पार्टी के नेता प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है और दिन रात एक कर देते हैं।
अब प्रचार का दौर थम चुका है तो एक नजर बीजेपी और कांग्रेस के प्रचार पर भी डाल ली जाए कि किसने प्रचार के दौर में बाजी मारी है। प्रचार के माहौल को देखा जाए तो बीजेपी इसमें कांग्रेस से आगे बाजी मारती दिखाई दे रही है।
बीजेपी के रणनीतिकार और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हर बार की तरह इस बार भी विधानसभा चुनावों की कमान अपने हाथ में संभाल रखी थी। अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान बीते 63 दिनों में प्रदेश में 67 हजार किलोमीटर से ज्यादा यात्राएं की। अमित शाह ने इस बार प्रचार में पार्टी के सभी बड़े नामों को उतार दिया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बात करें तो उन्होंने 2 महीने के प्रचार के दौरान 65 जनसभाएं, 13 रोड शो और 162 जन संवाद कार्यक्रम किए। अमित शाह अपने तूफानी दौरों के दौरान छत्तीसगढ़ में 14 दिन, मध्य प्रदेश में 18 दिन, तेलंगाना में 10 दिन, राजस्थान में 19 दिन और मिजोरम में 2 दिन रहे।
अमित शाह ने वसुंधरा सरकार के सामने हो रहे एंटी इन्कंबेंसी के खतरे को देखते हुए सबसे ज्यादा राजस्थान में 57 कार्यक्रम किए जिनमें 19 रैलियां, 4 रोड शो शामिल हैं।
वहीं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में इस बार 25 जनसभाएं की। पीएम मोदी का भी फोकस छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश पर ही रहा। बीजेपी के प्रचार की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने राजस्थान में भी पीएम मोदी की सबसे ज्यादा 12 जनसभाएं रखवाई।
वहीं इसके उलट हम कांग्रेस का प्रचार देखें तो पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार में इस बार दिन-रात एक तो किए पर बीजेपी से आगे नहीं निकल सके। राहुल ने कुल 70 जनसभाएं, 10 रोड शो और 8 जनसंवाद कार्यक्रम किए। राहुल ने भी राजस्थान में अपनी वापसी की सुगबुगाहट देखते हुए चुनाव प्रचार काफी पहले तेज कर दिया था।