रेवती रॉय की ज़िंदगी पर बनेगी बायोपिक, यह एक्टर भी लगाएगा फिल्म निर्माण में पैसा

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Revathi-Roy-Biopic

बॉलीवुड में पिछले कुछ वर्षों से बायोपिक के लिए क्रेज देखा गया है। हालिया वर्षों में कई बायोपिक बनी और इस साल भी कई रिलीज होने के लिए तैयार है। बायोपिक के इस दौर में अब सोशल आंत्रप्रन्योर रेवती रॉय के जीवन पर फिल्म बनने जा रही है। रेवती ने एशिया की पहली फीमेल टैक्सी सर्विस ‘हे दीदी’ और पहली पूर्णत: महिलाओं के लिए लास्ट माइल डिलिवरी सर्विस की शुरुआत की थी। वह संघर्षों के बीच से निकलकर एक टैक्सी ड्राइवर से एक सफ़ल आंत्रप्रन्योर बनी हैं।

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जॉन, रोब्बी और अनिल बोहरा बनाएंगे फिल्म

आंत्रप्रन्योर रेवती रॉय के जीवन पर बनने वाली बायोपिक को बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम, रॉबी ग्रेवाल और अनिल बोहरा मिलकर प्रोड्यूस कर रहे हैं। जॉन अब्राहम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इस फिल्म के निर्माण की घोषणा की है। हालांकि, यह फिल्म अभी प्री प्रोडक्शन के स्तर पर है। इस बायोपिक का निर्देशन रोब्बी ग्रेवाल ही करेंगे। फिल्म की स्टोरी रेवती पर लिखी गई स्वाति लोढ़ा की किताब ‘हू इज रेवती रॉय’ की कहानी पर आधारित होगी। अपने स्टार्टअप की शुरुआत में रेवती ने निर्णय लिया था कि वह केवल ऐसे महिलाओं को कर्मचारी के रूप में शामिल करेंगी, जो गरीबी रेखा से नीचे हैं। यह अविश्वसनीय निर्णय था जो रूढ़िवादिता को तोड़ता है।

फॉर्च्यून इंडिया मोस्ट पावरफुल वीमन 2019 में रही शामिल

फीमेल टैक्सी सर्विस हे दीदी की फाउंडर रेवती रॉय का नाम साल 2019 की फॉर्च्यून इंडिया मोस्ट पावरफुल वीमन की लिस्ट में भी शामिल था। उन्होंने अपने स्टार्टअप से कई महिलाओं और उनके परिवार को आत्मसम्मान और आर्थिक आज़ादी से जीने का मौका दिया है। रेवती के संघर्ष की बात करें तो पति के मृत्यु के बाद उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी, जिसके बाद उन्होंने अपना कारोबार खड़ा करने का निश्चिय किया। उन्होंने बहुत छोटे स्तर पर व्यापार की शुरुआत की और आज वह स्टार्टअप की दुनिया में सबके लिए एक नायाब उदाहरण हैं।

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अपनी फिल्म के बारे में रेवती रॉय कहती हैं कि मैं बहुत खुश हूं कि जॉन, रॉबी और अनिल ऐसी कहानी सामने ला रहे हैं, जो सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि हर उस महिला की है जिसे मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं जन्म से ही फाइटर होती हैं। उन्हें जो भी मौका दिया जाता है वह बेकार नहीं जाता। हमें बस उन्हें वैसा माहौल देना होता है जिसमें वे निखर सकें। मैंने और मेरी टीम ने भी बस एक छोटी कोशिश की और नतीजा सबके सामने हैं।

 

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