भारत के खिलाड़ियों ने कई खेलों- क्रिकेट, हॉकी, टेनिस और बैडमिटन आदि में कई बड़ी उपलब्धियां अर्जित की है। अब जम्मू-कश्मीर की बेटी बिलकीस मीर ने कयाकिंग और कैनोइंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स में अपने कॅरियर में 6 स्वर्ण पदक जीते हैं। वह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम फहराएगी। बिलकीस को अगले महीने पटाया (थाईलैंड) में होने वाली ओलम्पिक क्वालीफायर प्रतियोगिता के जज के रूप में चुना गया है। वह इसमें शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला जज हैं।
बिलकीस आतंकियों व अलगावादियों का गढ़ कहलाने वाले डाउन-टाउन के खनयार की रहने वाली हैं। उसने ऐसे माहौल और रूढ़िवादी मानसिकता को मात देते हुए देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। उनकी यह सफलता कश्मीर की युवा पीढ़ी को यही संदेश देती है कि आगे बढ़ो, हिम्मत न हारो।
पहली भारतीय महिला जज
बिलकीस एशियाई केनोइंग फेडरेशन की ओर से ओलम्पिक क्वालीफाइंग राउंड के लिए चुनी जाने वाली 20 जजों में एक हैं और पहली भारतीय महिला जज हैं। वह वाटर स्पोर्ट्स के केनोइंग (डोंगी चालन) की कोच भी हैं। जब बिलकीस ने वाटर स्पोर्ट्स को चुना तब इस खेल में लड़कियां भाग नहीं लेती थी। वह बताती है कि जब मैंने इसमें भाग लिया तो मेरे घर में और मुहल्ले में विरोध हुआ। बाद में मां बड़ी ताकत बनकर सामने आई। मां मेरा मनोबल बढ़ाते हुए कहती थी, अगर लोगों का मुंह बंद करना है तो खुद को साबित करके दिखाओ। डरो नहीं, आगे बढ़ो। मैं जितनी बार टूटी, मेरी मां ने मुझे उतनी बार मुझे दोबारा खड़े होने की हिम्मत दी।
उन्होंने कहा कि उन्हें जितना बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है, वह हर खिलाड़ी का सपना होता है। 21 वर्षों के सफर में इतनी बड़ी उपलब्धि के पीछे उनके माता-पिता और उनके कोच का बड़ा योगदान है।
कॅरियर
बिलकीस ने वर्ष 1998 में वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। उसने जम्मू—कश्मीर में और देश—विदेश में कई प्रतियोगिताओं में भग लिया। उन्होंने पुलिस की वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में पदक जीता था। वर्ष 2006 में उसने वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में भारत का नेतृत्व किया। एशियन चैंपियनशिप में भी भाग लिया।
उन्होंने हंगरी में वर्ष 2009 में हुए एमओएल आईसीएफ स्प्रिंट वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने युवाओं को इस खेल में प्रशिक्षण देने का फैसला लिया। उसी साल बुडापेस्ट हंगरी में दो साल का डिप्लोमा हासिल किया। ओलम्पिक खेलों में इस प्रतिस्पर्धा में 16 गोल्ड मेडल हैं।
जम्मू-कश्मीर दे रही कोचिंग
बिलकीस कश्मीर की डल झील में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देती हैं। वह जम्मू-कश्मीर में वाटर स्पोर्ट्स की निदेशक भी हैं। बिलकीस ने बताया कि पिछले चार-पांच सालों से वह जम्मू-कश्मीर टीम के लिए काम कर रही हैं और अब तक यह टीम 82 मेडल हासिल कर चुकी हैं। उसने केनोइंग और कर्यांकग के 600 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया है।