सुप्रीम कोर्ट में आज फिर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के मामले में बड़ी सुनवाई हुई. CJI डीवाई चंद्रचूड के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ने डाले गए वोटों की जांच की. इस दौरान रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह भी कोर्ट में मौजूद रहे. कोर्ट ने अनिल मसीह से कई सवाल पूछे. इससे पहले हुई सुनवाई में अनिल मसीह ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ही बैलेट पेपर पर क्रॉस के निशान लगाए थे. बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का नतीजा रद्द कर दिया. साथ ही चुनावों में अमान्य करार दिए गए 8 वोटों को वैध मानते हुए AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित करार दिया. साथ ही अनिल मसीह पर कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें धांधली करने का दोषी माना।
कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी की ओर से घोषित चुनाव परिणाम को रद्द किया. साथ ही रिटर्निंग अफसर को इस बात के लिए लताड़ भी लगाई कि उसने कोर्ट के सामने झूठा बयान दिया है. अदालत ने कहा कि अधिकारी की सफाई ठीक नही है कि खराब मतपत्रों पर उसने अलग से निशान बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने उसे चुनाव में धांधली का दोषी मानते हुए जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. नोटिस में अनिल मसीह से पूछा गया है कि वह 3 सप्ताह में स्पष्टीकरण दे कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।