देश के संविधान की 8वीं अनुसूची में जल्द ही एक और भाषा को जगह मिल सकती है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुशी की बात यह है कि भोजपुरी भाषा को अब संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी को अनुसूची में जगह मिल जाएगी। इस आशय का संकेत बुधवार को केन्द्र सरकार ने लोकसभा में दिया। सरकार की ओर से कहा गया कि भोजपुरी के अतिरिक्त राजस्थानी और भोटी भाषा को भी 8वीं अनुसूची में शामिल करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
सरकार के पास 38 भाषाओं के प्रस्ताव विचाराधीन
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के सवाल पर जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि सरकार के पास फिलहाल 38 भाषाओं के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इनमें भोजपुरी, राजस्थानी और भोटी बेहद महत्वपूर्ण भाषा हैं। सरकार इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले जगदंबिका पाल ने कहा था कि इन भाषाओं को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग दशकों से हो रही है।
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गौरतलब है कि भोजपुरी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के संदर्भ में लोकसभा में 20 से अधिक निजी विधेयक पेश किए जा चुके हैं। शून्य काल के दौरान सैकड़ों बार इस आशय की मांग की जा चुकी है। इसके साथ ही राजस्थानी और भोटी भाषा के लिए भी लंबे समय से मांग की जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रमुखता से होता है।