दुनिया का सबसे खराब ट्रैफिक वाला शहर है बेंगलुरु, टॉप 10 में चार भारत के

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worst traffic city

भले ही इसे कोई स्वीकार न करें, कि आज के दौर में बढ़ते साधनों से जितनी सुविधा बढ़ रही है, उतनी ही असुविधा भी बढ़ा रही है। बढ़ते साधन न केवल भारत में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है, बल्कि पूरी दुनिया के शहरों में उभर रही है। ट्रैफिक के मामले में भारत के बड़े शहर दुनिया के बड़े शहरों को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं। हाल में एक सर्वे से इस बात की पुष्टि होती है कि महानगरों में सड़कों पर सबसे ज्यादा भीड़ हाने की वजह से लोगों का बहुत ज्यादा समय बर्बाद हो रहा है। भारत के कई शहर इस सूची में अव्वल है।

‘TomTom’ एक व्हीकल नेविगेशन कंपनी ने वार्षिक ट्रैफिक इंडेक्स जारी किया है। जिसके अनुसार सड़कों पर सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले दुनिया के 10 सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में भारत के चार शहर शामिल है और बेंगलुरु इस सूची में पहले स्थान पर है। इस सूची में दिल्ली आठवें स्थान पर है जबकि एशिया में सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में औसतन 56 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान पांचवां रहा है। इस सर्वे के टॉप 10 की लिस्ट में शामिल अन्य शहरों में मनीला दूसरे, बगोटा तीसरे, मॉस्को छठे, लीमा सातवें, इंस्तानबुल नौवें और जकार्ता दसवें नंबर पर रहे।

इस कंपनी ने दुनिया के 57 देशों और 6 महाद्वीप के 416 शहरों को अपने सर्वे में शामिल किया है। जिसके बाद उसने दुनियाभर में होने वाले ट्रैफिक जाम के मामले में कौनसा शहर किस नंबर पर है ये लिस्ट जारी की है।

बेंगलुरु में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम

टॉमटॉम के सर्वे के मुताबिक, ट्रैफिक जाम का सबसे ज्यादा असर भारत में पड़ रहा है। दुनिया के जिन 10 शहरों में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम होता है, उनमें भारत के चार शहर (बेंगलुरु, दिल्ली, पुणे और मुंबई) शामिल हैं। भारत का आईटी हब कहे जाने वाले बेंगलुरु के ट्रैफिक की हालत सबसे ज्यादा खस्ता है और यह शहर दुनिया का सबसे अव्वल शहर है।

इस सर्वे में दिल्लीवासियों को पीक आवर्स में गाड़ी से सफर करते समय अन्य शहरों के मुकाबले सालाना 190 घंटे ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं, जो 7 दिन और 22 घंटों के बराबर होता है। इससे यह भी मालूम होता है कि पिछले साल दिल्ली में सबसे ज्यादा ट्रैफिक 23 अक्टूबर को रहा था, जो 81 प्रतिशत था। उस दिन रेलवे में नौकरी की मांग को लेकर देशभर से आए सैकड़ों दिव्यांग छात्र मंडी हाउस के गोल चक्कर पर धरना देकर बैठ गए थे, जिससे भारी जाम लगा था। वहीं सबसे कम भीड़ 21 मार्च को दर्ज हुई, जो महज 6 प्रतिशत थी। इस ट्रैफिक इंडेक्स में एक बड़ी राहत वाली बात यह भी रही कि वर्ष 2018 की तुलना में राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक कंजेशन 2 फीसदी तक कम हुआ है। जिसका कारण वहां पर कुछ नई सड़कों और फ्लाइओवरों का खुलना भी है।

पहले नंबर पर रहे बेंगलुरु में औसतन 71 प्रतिशत कंजेशन दर्ज किया गया। वहीं 65 पर्सेंट कंजेशन के साथ मुंबई चौथे और 59 पर्सेंट के साथ पुणे पांचवें नंबर पर रहा। इस लिहाज से दिल्ली की हालत देश के इन बड़े शहरों के मुकाबले बेहतर है।

कार शेयरिंग से ट्रैफिक कम करने में मदद करें

टॉमटॉम इंडिया के महाप्रबंधक वर्नर वैन हायस्टीन ने कहा कि दुनियाभर में ट्रैफिक कम करने के लिए काफी काम किया जाना है। कार शेयरिंग से भीड़ कम करने में काफी मदद मिल सकती है। नीति निर्धारकों को यातायात के स्तर और प्रभावों का सही विश्लेषण करने के लिए उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करना होगा।

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