आयुष्मान ने बता दिया अच्छी स्क्रिप्ट चुनना सक्सेज के लिए कितना जरूरी

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टैलेंटेड आयुष्मान खुराना इन दिनों अपनी फिल्म ‘आर्टिकल 15’ को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म का सब्जेक्ट, पिक्चराइजेशन और एक्टिंग लोगों को अट्रैक्ट कर रहा है। आयुष्मान के अब तक के कॅरियर पर नज़र डाली जाए तो उनकी हर फिल्म कुछ अलग होती है। उन्होंने अब तक ​जितनी भी फिल्में की हैं सभी के सब्जेक्ट लीक से हटकर थे। यह कहा जा सकता है कि आयुष्मान के पास वह पारखी नज़र है जो अच्छी स्क्रिप्ट की समझ रखती है। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ समय में वे इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम बनाने में कामयाब रहे हैं।

सब्जेक्ट और मैसेज पर देते हैं ध्यान


‘आर्टिकल 15’ एक असल घटना पर आधारित है और जाति के मुद्दे को प्रमुखता से उठाती है। यही कारण है कि आयुष्मान ने इस फिल्म को साइन किया। आयुष्मान के अनुसार एक्टर होने के नाते हमारा यह फर्ज है कि हम ऐसी फिल्में करें जिनका दर्शकों पर इमपेक्ट हो। मैं हमेशा स्क्रिप्ट चुनते समय उसके सब्जेक्ट पर गौर करता हूं। साथ ही यह भी देखता हूं कि उसका दर्शकोें के बीच मैसेज क्या जाएगा। मनोरंजन एक ऐसा जरिया है जिसके ​जरिए बातों को बेहतर तरीके से सबके सामने लाया जा सकता है। मुद्दों को उठाना और उनके प्रति जागरूकता लाना भी हमारा एक काम है।

हर फिल्म रही है कुछ खास


आयुष्मान की पहली फिल्म ‘विकी डोनर’ थी। स्पर्म डोनेशन पर बेस्ड यह फिल्म बिलकुल अलग थी। पहली ​ही फिल्म में इस तरह के सब्जेक्ट पर काम करना आयुष्मान के सलेक्शन को दर्शाता है। इसके बाद उन्होंने ‘नौटंकी साला’, ‘हवाईजादा’, ‘दम लगा के हईशा’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘अंधाधुंध’, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्में कीं। सभी फिल्में डिफरेंट जोनर की थीं।
आने वाले दिनों में वे ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘गुलाबो सिताबो’, ‘ड्रीमगर्ल’ और ‘बाला’ में नज़र आएंगे।

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