‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ को मिला अवॉर्ड, जानिए क्यों खास है यह शॉर्ट मूवी

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जैसे ही ऑस्कर अवॉर्ड का नाम आता है तो सिनेमा जगत के फिल्म प्रेमियों के सामने हॉलीवुड के सितारों की ओर ध्यान जाता हैए और जाना भी जरूरी है क्योंकि अब तक कुछ ही भारतीय फिल्में ही इस अवॉर्ड में अपनी उपस्थित दर्ज करवा पायी है। इस बार ऑस्कर पुरस्कारों का 91वां संस्करण में एक भारतीय शॉर्ट फिल्म ने अवॉर्ड अपनी झोली में डालने में कामयाब रही है।

भारतीय निर्माता गुनीत मोंगा की शॉर्ट फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेस’ को बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट का अवॉर्ड मिला है जो देश के लिए गर्व की बात है। यह फिल्म ग्रामीण परिवेश पर बनी है। उसने भारतीय सिनेमा प्रेमियों के लिए उम्मीद पर खरा उतरते हुए देश को एक और ऑस्कर अवॉर्ड दिलाने में कामयाब रही है।

इन श्रेणियों को मिला अवॉर्ड :—

अमेरिका के कैलिफॉर्निया के डॉल्‍बी थियेटर में सिनेमाजगत के सबसे प्रतिष्ठित ऑस्कर अवॉर्ड्स का ऐलान किया गया है। ऑस्कर अवॉर्ड वितरण का 91वां संस्करण है। ऑस्कर में 10 कैटिगरी के नामित फिल्म ‘रोमा’ ने बेस्ट फॉरन फिल्म का अवॉर्ड अपने नाम किया है। फिल्म को बेस्ट सिनेमाटोग्राफी का भी अवॉर्ड मिला।
भारतीय पृष्ठभूमि पर बनीं फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेस’ को भी बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट का अवॉर्ड मिला है।
91वां ऑस्कर अवॉर्ड समारोह में अवॉर्ड पाने वाली फिल्मों, निर्देशक, ऐक्टर, ऐक्ट्रेस और अन्य कलाकार इस प्रकार हैं —

  • बेस्ट फिल्म : ग्रीन बुक
  • बेस्ट ऐक्टर इन अ लीडिंग रोल: रामी मालेक
  • बेस्ट ऐक्ट्रेस इन अ लीडिंग रोल: ओलिविया कोलमन
  • बेस्‍ट फॉरन फिल्‍मः रोमा
  • बेस्ट डायरेक्टर: अलफॉन्सो क्यूरॉन (रोमा)
  • बेस्ट सपॉर्टिंग ऐक्ट्रेसः रेजिना किंग, फिल्मः इफ बील स्ट्रीट कुड टॉक
  • बेस्ट सपॉर्टिंग ऐक्टर: माहर्शाला अली, फिल्म: ग्रीन बुक
  • बेस्ट ऐनिमेटेड फीचर फिल्म: स्पाइडर-मैन: इनटू द स्पाइडर-वर्स
  • बेस्ट ऐनिमेटेड शॉर्ट फिल्म: बाओ
  • बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट: पीरियड. एंड ऑफ सेंटेस
  • बेस्ट विजुअल इफेक्ट: फर्स्ट मैन
  • बेस्ट लाइव ऐक्शन शॉर्ट फिल्म : स्किन
  • बेस्ट ऑरिजनल स्क्रीनप्ले: ग्रीन बुक
  • बेस्ट अडैप्टेड स्क्रीन प्ले: BLACKkKLANSMAN
  • बेस्ट ऑरिजनल स्कोर: ब्लैक पैंथर
  • बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग: शैलो
  • कॉस्ट्यूम डिजाइनः रुथ कार्टर
  • बेस्ट सिनेमटॉग्रफीः रोमा

क्या है फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ –
फिल्म की विषय-वस्तु ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर ग्रामीणों लोगों की सोच पर प्रहार करती है। पूर्व में बनी फिल्म ‘पैडमैन’ भी मासिक धर्म पर भारतीय समाज में व्याप्त सोच पर तीव्र प्रहार करती है। उसी क्रम को और अधिक आगे ले जाने का काम किया है ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ फिल्म ने।

इस फिल्म की अवधि 26 मिनट है जिसमें उत्तर भारत की लड़कियों और महिलाओं व उनके गांव में लगाई गई एक पैड मशीन के साथ घटित घटनाओं व अनुभवों को चित्रित किया गया है। फिल्म में वास्तविक जीवन में पैडमैन अरुणाचलम मुरुगनाथन ने काम किया है।

ऐसा रहा ऑस्कर अवार्ड में अब तक भारतीय फिल्मों का सफर

55वें ऑस्कर में मिला भारत को पहला अवार्ड –
भारत को पहला ऑस्कर भानु अथैय्या ने दिलाया। उन्हें फिल्म ‘गांधी’ (सन् 1983) के लिए ‘बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन’ श्रेणी में ऑस्कर दिया गया। इसी के साथ भानु ऐसी पहली भारतीय बनीं, जिन्होंने ऑस्कर जीता।

बढ़ती भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता के चलते सन् 1992 में ऑस्कर संचालकों ने खुद ही भारतीय फिल्मकार ‘सत्यजीत रे’ को बुलाकर मानद ऑस्कर अवार्ड (ऑनररी अवार्ड, लाइफटाइम अवार्ड के समकक्ष) दिया।

ऑस्कर अवार्ड में साल 2009 भारतीयों के लिए काफी लक्की रहा। तीन भारतीयों ने ऑस्कर में भारत का पताका लहरा दिया। उन्होंने अलग-अलग श्रेणियों में ऑस्कर जीत लिया। वह फिल्म थी, ‘स्लम डॉग मिलेनियर’। इसके लिए रसूल पूकुट्टी को ‘बेस्ट साउंड मिक्स‌िंग’, एआर रहमान को ‘बेस्ट ओरिजनल स्कोर’ और गुलजार व एआर रहमान को संयुक्त रूप से ‘बेस्ट ओरिजन सॉन्ग’ की श्रेणी में ऑस्कर अवार्ड दिए गए।

91वां ऑस्कर अवार्ड में भारतीय उम्मीद को निराश नहीं किया गया और इस बार शॉर्ट फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ ने अपनी श्रेणी का अवॉर्ड अपने नाम कर देश को नई उम्मीद दी है।

ऑस्कर के लिए नामांकित पहली भारतीय फिल्म :-
‘मदर इंडिया’ को ‘बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म’ के लिए 1958 में नामांकित किया गया था। हालांकि यह फिल्म अवॉर्ड तो नहीं जीत पाई लेकिन इसने काफी तारीफें बटोरीं। इस फिल्म का निर्देशन महबूब खान ने किया था।

बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म श्रेणी के लिए भेजी भारतीय फिल्में :-
भारत ने अब तक बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म श्रेणी के लिए कोई फिल्में भेजी हैं जिनमें प्रमुख अपुर संसार (1959), गाइड (1965), सारांश (1984), नायकन (1987), परिंदा (1989), अंजलि (1990), हे राम (2000), देवदास (2002), हरिचन्द्रा फैक्ट्री (2008), बर्फी (2012), ज्ञान कोरिया (2013) और कोर्ट (2015) को भी भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है।
भारत की ओर से सिर्फ तीन फिल्मों के नाम फाइनल लिस्ट तक पहुंचने में कामयाब रही हैं जिनमें महबूब खान की ‘मदर इंडिया’ (1957), मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे’ (1988) और आशुतोष गोवारिकर की ‘लगान’ (2001) शामिल हैं।

लगान ने दी थी कड़ी टक्कर :-
ऑस्कर में भारत की सबसे प्रबल दावेदारी साल 2002 में हुई, जब आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘लगान’ को चुना गया। जानकारी के मुताबिक ‘बेस्ट फॉरेन लेंग्वेज फिल्म’ की श्रेणी में यह फिल्म जीतते-जीतते रह गई।

जिन दिनों ऑस्कर में ‘लगान’ अपने प्रतिद्वंदियों को चुनौती दे रही थी, भारतीयों के लिए गर्व वाली बात थी। माना जा रहा था कि यह फिल्म इस बार भारत को पहला बड़ा ऑस्कर दिलाने में सफल हो जाएगी। फिल्म ने अंतिम पांच शीर्ष फिल्मों में जगह बना ली थी। परंतु यह फिल्म भी ‘बेस्ट फॉरेन लेंग्वेज फिल्म’ का अवार्ड भारतीयों की झोली में डालने में नाकाम रही।

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