आईबीएम के नए सीईओ होंगे अरविंद कृष्णा, 6 अप्रैल को संभालेंगे कार्यभार

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अमेरिका की प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) ने अपने नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा को बनाया गया है। बता दें कि आईबीएम 12,588 करोड़ डॉलर (करीब 8.93 लाख करोड़ रुपये) की मार्केट कैप वाली आईटी कंपनी हैं। आईबीएम 57 वर्षीय अरविंद कृष्णा को 6 अप्रैल से नए सीईओ की जिम्मेदारी देने का ऐलान किया हैं। वह लंबे समय तक सीईओ पद पर रही वर्जीनिया रोमेटी का स्थान लेंगे। कृष्णा वर्तमान में आईबीएम के क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं।

मौजूदा सीईओ रोमेटी इस साल के अंत तक कार्यकारी अध्यक्ष बनी रहेंगी। इससे पहले उन्होंने कंपनी को 40 साल तक सेवा दी है। यह जानकारी आईबीएम ने एक बयान में दी है।

आईबीएम में कृष्णा का योगदान

अरविंद कृष्णा इस समय आईबीएम के क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह आईबीएम बिजनेस यूनिट को संभाल रहे हैं, जो क्लाउड और डाटा प्रदान करता है। उन्होंने वर्ष 1990 में आईबीएम को ज्वाइन किया था। अरविंद IBM सिस्टम और टेक्नोलॉजी ग्रुप की डेवलेपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन के जनरल मैनेजर भी रहे थे। उन्होंने IBM के डेटा से संबंधित कई बिजनेस की अगुवाई की है।

उन्होंने आईआईटी कानपुर से अंडरग्रेजुएट डिग्री प्राप्त की। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से पीएचडी की है। वर्तमान सीईओ रोमेटी ने उनके बारे में कहा, ‘अरविंद आईबीएम में अगले युग के लिए सही सीईओ हैं।’

सीईओ रोमेटी ने की उनकी तारीफ

रोमेटी ने कहा, ‘वह एक बेहतरीन टेक्नोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड, क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी हमारी अहम तकनीकों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह एक शानदार ऑपरेशनल लीडर भी है, जो कल के व्यवसाय का निर्माण करते हुए आज जीतने में सक्षम हैं। अरविंद ने आईबीएम के क्लाउड और कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर व्यवसाय को विकसित किया है और कंपनी के इतिहास में सबसे बड़े अधिग्रहण का नेतृत्व किया है।’

आईबीएम के बारे में जानकारी

दुनिया की प्रसिद्ध आईटी कंपनी आईबीएम, जो बिग ब्लू के नाम से भी जानी जाती है। आईबीएम का स्थापना 16 जून, 1911 को की गई थी। यह मौजूदा कम्प्यूटर कंपनियों में एक मात्र कंपनी है जिसे अब तक 3 बार नोबेल अवॉर्ड, चार टूरिंग पुरस्कार, पांच राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी पदक तथा 5 राष्ट्रीय विज्ञान अवॉर्ड जीत चुकी हैं। साथ ही इस कंपनी के नाम दुनिया के सर्वाधिक पेटेंट हासिल करने का रिकॉर्ड दर्ज है।

16 जून, 1911 को कंपनी ने अपना कार्यक्षेत्र बदल कर कम्प्यूटर रिसर्च कर लिया और वर्ष 1924 में आईबीएम नाम रखा। वर्ष 1981 में आईबीएम ने पर्सनल कम्प्यूटर्स की बिक्री शुरू की और वह जल्द ही दुनिया की श्रेष्ठतम कंपनियों में स्थापित हो गई।

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