भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए यह ख़बर थोड़ा नाखुश होने वाली हो सकती है। दरअसल, अब आर्मी ऑफिसर्स कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) से हर चार साल में नई कार नहीं खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें अब कम से कम आठ साल तक इंतजार करना होगा। हाल में आर्मी कैंटीन के नियमों में बदलाव कर दिया गया है। नए नियम 1 जून से ही लागू हो जाएंगे। इसके बाद एक कार लेने के बाद दूसरी कार आठ साल बाद ही खरीद सकेंगे। इससे पहले आर्मी के अफसर हर चार साल में अपनी कार बदल सकते थे, लेकिन अब सीएसडी से कार लेने के लिए आठ साल इंतजार करना होगा।
सीएसडी का सालाना बजट 18 हजार करोड़
वर्तमान में आर्मी कैंटीन पर सरकार का सालाना बजट करीब 18 हजार करोड़ रुपए का है। सीएसडी में सभी सामान बाजार कीमत से कम दाम पर मिलता है। थल सेना, नौसेना और एयरफोर्स के कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही पूर्व सैनिक सीएसडी सुविधा का लाभ उठाते हैं। अगर बात करे देश में वर्तमान में सीएसडी के लाभार्थियों की तो यह संख्या 1 करोड़ से भी ज्यादा पहुंच गई है।
इसलिए बदले सरकार ने नियम
सरकार द्वारा नए नियम बनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह बताया गया है कि महंगे सामानों में कैंटीन का काफी बजट खर्च हो जाता है। इससे कई बार कैंटीन्स में पर्याप्त सामान की उपलब्धता नहीं हो पाती है। सामान पर बजट हावी हो जाता है, जिससे कई वस्तुओं में कटौती कर काम चलाना पड़ता है। इस कारण अब यह तय किया गया है कि चार साल के नियम को बदलकर आठ साल कर दिया जाए। इसके साथ ही सीएसडी में कुछ और बदलाव भी किए गए हैं।
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क्या हैं आर्मी कैंटीन के लिए नए नियम
इंडियन आर्मी ऑफिसर्स अब 8 साल में ही एक गाड़ी खरीद सकेंगे। पुराने नियमों के मुताबिक़, पहले 3 हजार सीसी तक की गाड़ी खरीदी जा सकती थी। लेकिन अब यह सीमा घटाकर 2500 सीसी कर दी गई है। इसके साथ ही अफसर 12 लाख से ज्यादा की गाड़ी नहीं ले सकेंगे। यह नियम सर्विंग सिविलियन ऑफिसर्स पर भी लागू होगा। वहीं, जेसीओ और सैनिक अब 1400 सीसी तक की ही गाड़ी ले सकेंगे। ये 5 लाख से ज्यादा की गाड़ी नहीं खरीद सकेंगे। जेसीओ और सैनिक सर्विस के दौरान एक गाड़ी और सेवानिवृत्ति के बाद एक गाड़ी ही खरीद सकेंगे।