पुराने गानों को नए म्यूजिक में परोसने वालों को इस बार ए.आर. रहमान ने जमकर लताड़ा

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अकादमी पुरस्कार विजेता और संगीतकार एआर रहमान ने फिल्म इंडस्ट्री में गानों को रीक्रिएट करने के ट्रेंड को लताड़ते हुए इसे क्रिएटिविटी एक शॉर्टकट बताया है। रहमान ने हाल में कहा कि क्लासिक्स को फिर से बनाना कलाकारों के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय “प्लान बी” जैसा होता है।

किसी भी गाने को फिर से बनाना नए गाने बनाने से बचने और क्रिएटिविटी ना लगाने का शॉर्टकट है। जब कोई फिल्मकार आपको अपनी फिल्म रिलीज की तारीख बताता है और आपके पास उस समय में कुछ अच्छा नहीं होता है तो वे कहते हैं, ठीक है, मेरे ‘पास प्लान बी’ है और फिर गानों के म्यूजिक को रिक्रिएट करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि म्यूजिक बनाने का कोई एक तरीका नहीं होता है, लेकिन चीजें पश्चिम में अलग तरह से काम करती हैं।

आदर्श रूप से किसी म्यूजिक को बनाने के लिए पश्चिम के लोग क्या करते हैं, वे गीत लिखते हैं, अभिनेता अपनी वर्कशॉप करते हैं, वे म्यूजिक बजाते हैं, स्क्रिप्ट को सुधारते हैं और फिर आखिर में धुन बनाते हैं।

गौरतलब है कि बॉलीवुड में इन दिनों रीक्रिएटेड सॉन्ग ने धमाल मचा रखा है। कई ऐसे सिंगर है जिनको इन गानों की वजह से रातों-रात शोहरत हासिल हो गई।

वैसे देखा जाए तो इस ट्रेंड की शुरूआत से ही संगीतकार अमाल मलिक, अमित त्रिवेदी, तनिष्क बागची जैसे संगीतकारों ने कई गाने रीक्रिएट किए हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ट्रेड पंडितों का मानना है कि 2019 भी रीक्रिएटेड गानों की भेंट चढ़ने वाला है। फिल्मकार ऑरिजनल गानों से ज्यादा पैसे रिक्रिएशन पर लगाना पसंद कर रहे हैं।

2018 के कुछ पसंद किए गए रीक्रिएटेड सॉन्ग

– एक दो तीन…फिल्म – बागी 2 (ओरिजनल – तेजाब)

– झिंगाट… धड़क (ओरिजनल – सैराट)

– छोटे छोटे पैग सोनू के टीटू की स्वीटी (ओरिजनल – हंसराज हंस)

– बदन पे सितारे.. फन्ने खां (ओरिजनल – तेजाब)

रहमान ने नए सिंगर्स के आने को लेकर आगे कहा कि इंटरनेट के कारण, आज कहीं भी कोई दीवार नहीं रही है जो किसी को व्यक्त करने के लिए रोक सके कि वे क्या चाहते हैं। लेकिन इतनी सारी चीजों के समुद्र में सब कुछ उछल जाता है। आप यह नहीं जान सकते कि हीरा कहां है?

अपने म्यूजिक बनाने को लेकर रहमान ने कहा, ‘मैं अपने म्यूजिक को निष्पक्ष रूप से देखता हूं। मेरे पास 20 अलग-अलग विचार हैं लेकिन मैं किसी एक को चुनता हूं। मैं हर बार फिल्टर करता हूं और लोगों को देता हूं। अगर कुछ अच्छा निकलकर आता है तो मैं इसे अपने लिए रखता हूं और आगे विकसित करता हूं।’

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