नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को प्रोत्साहन दे रही है। इसी के तहत उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का मेक इन इंडिया अभियान पर बड़ा असर दिखना शुरू हो गया है। अमेरिकी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एप्पल भी इस योजना के तहत भारत में आईपैड बनाने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार, कंपनी चीन से अपना कारोबार भारत शिफ्ट करना चाहती है और भारत सरकार से प्रोत्साहन लेने पर भी विचार कर रही है।
चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है एप्पल
भारत में स्मार्टफोन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना में मोदी सरकार ने करीब 50 हजार करोड़ का प्रोत्साहन देने का ऐलान किया है। एप्पल कंपनी भी इस योजना का लाभ उठाना चाहती है और चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता फॉक्सकान के जरिये भारत में आईपैड विनिर्माण की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार, इसके लिए एप्पल का शुरुआती निवेश 20 हजार करोड़ हो सकता है। बता दें कि चीन और अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध और कोरोना वायरस महामारी के बाद कंपनी ने रणनीति में बदलाव किया है। उल्लेखनीय है कि अभी एप्पल के ज्यादातर आईपैड का उत्पादन चीन में होता है, जबकि लैपटॉप वियतनाम में बनता है।
स्मार्टवॉच उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जारी होगा फंड
पीएलआई योजना के तहत भारत सरकार अगले दो महीने में स्मार्टवॉच जैसे पहने जाने वाले उत्पादों को भी इसमें शामिल करने की तैयारी में है। इसके लिए 5 हजार करोड़ का शुरुआती फंड जारी किया जा सकता है। केंद्र ने एप्पल कंपनी से कहा है कि भारत में आईपैड विनिर्माण किसी गैर चीनी कंपनी के साथ मिलकर किया जा सकता है। आपको बता दें कि एप्पल के देश में तीन सहयोगी फॉक्सकान, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन हैं। कंपनी वर्ष 2017 से आईफोन का असेंबल भारत में कर रही है।
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