बहुमुखी प्रतिभा के धनी भारतीय अभिनेता अनुपम खेर आज 7 मार्च को अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने अपने अबतक के फिल्मी सफर में कई भाषाओं में 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा वह कई प्रसिद्ध नाटकों में भी अभिनय कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने खलनायक, नायक, हास्य और गंभीर किरदार निभाए हैं। सिने पर्दे पर दर्शकों ने उन्हें कई विभिन्न किरदारों में देखा है। अनुपम खेर का शुरुआती सिनेमाई सफ़र बहुत संघर्ष भरा रहा। उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर बॉलीवुड और फिर हॉलीवुड में जगह बनाई व खुद को साबित कर के भी दिखाया। इस खास मौके पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
अभिनेता अनुपम खेर का प्रारंभिक जीवन
अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च, 1955 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक कश्मीरी पंडित हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा शिमला के डीएवी स्कूल से पूरी की। बाद में एक्टिंग के गुर सीखने के लिए उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा यानि एनएसडी में दाखिला लिया। अनुपम के पिता पुष्कर नाथ खेर शिमला में क्लर्क के रूप में नौकरी करते थे। उनकी मां दुलारी खेर एक गृहिणी हैं।
किरण खेर से की दूसरी शादी
अनुपम खेर की पहली शादी असफल रही। उनकी पहली पत्नी का नाम मधुमालती था। कुछ कारणों की वजह से यह शादी लंबी नहीं चल पाईं। अनुपम ने वर्ष 1985 में अभिनेत्री किरण खेर से दूसरी शादी की। किरण की भी ये दूसरी शादी थी। उनकी पहली शादी गौतम बेरी से हुई थी। अनुपम खेर का एक सौतेला बेटा सिकंदर खेर हैं। वह एक सुखी वैवाहिक जीवन जी रहा है और फिल्मों में सक्रिय हैं।
शुरू के दिनों में रहने-खाने के लिए किया संघर्ष
अभिनेता बनने से पहले अनुपम खेर को लंबे समय तक संघर्षों का सामना करना पड़ा था। संघर्ष के दिनों में उनके पास ना तो रहने के लिए छत थी और ना ही खाने के लिए पैसे थे। वह मुंबई में फुटपाथ और बेंच पर सोया करते थे। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्हें आज ये मुकाम हासिल हुआ है। सोचिए अगर अनुपम खेर ने हार मान ली होती तो क्या होता?
नाटकों से शुरू हुआ था अभिनय कॅरियर
अनुपम ने नाटकों से अपने अभिनय सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में पढ़ाई के दौरान भी कई नाटकों में अभिनय किया। उनकी पहली फिल्म ‘आगमन'(1982) थी। वहीं, फिल्म ‘सारांश’ से उन्हें लोकप्रियता हासिल हुईं। इसमें उन्होंने एक सेवानिवृत्त बूढ़े व्यक्ति की भूमिका निभाई, जिसका एक बेटा विमान दुर्घटना में खो गया। उस समय अनुपम 28 साल के हुआ करते थे।
छोटे पर्दे पर भी खूब चलाया जादू
अनुपम खेर ने टेलीविजन की दुनिया में भी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने शो ‘द अनुपम खेर शो: कुछ भी हो सकता है’ और कलर्स टीवी के ‘सवाल दस करोड़ का’ जैसे शो के जरिए छोटे पर्दे पर भी काम किया। फिल्मों में अभिनय या टीवी शो की मेजबानी करने के अलावा वह एक निर्देशक और निर्माता भी हैं। उन्होंने ‘ओम जय जगदीश’ फिल्म से अपनी निर्देशन की यात्रा शुरू की। उन्होंने करोल बाग प्रोडक्शंस नाम से एक प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जिसके तहत फिल्म ‘मैनें गांधी को नहीं मारा’ बनाई थी।
अनुपम के कॅरियर की कुछ बेहतरीन फिल्में
वैसे तो अभिनेता अनुपम खेर ने अपने अबतक के कॅरियर में कई हिट भारतीय फिल्मों में काम किया है। लेकिन उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों की बात करें तो ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘डर’, ‘द डर्टी पॉलिटिक्स’ जैसी फिल्में शामिल है। वह ‘ब्राइड एंड प्रेजुडिस’, ‘सावधानी’, ‘मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेस’, ‘बेंड इट लाइक बेकम’ जैसी अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। ऑस्कर विजेता एनिमेटेड फिल्म ‘अप’ के हिंदी वर्जन में अनुपम खेर ने कार्ल की आवाज़ को डब किया था।
प्रधानमंत्री मोदी के बड़े प्रशंसक हैं खेर
अभिनेता अनुपम खेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसक हैं और बीजेपी के प्रबल समर्थक हैं। उनकी पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद हैं। उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म, न्यूज चैनलों पर बीजेपी के कई फैसलों का समर्थन किया है। उनके विचार स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक हैं। उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व के रूप में देखा जा सकता हैं जो अपने विचारों को दृढ़ता से रखता है।
अनुपम खेर को 80 और 90 के दशक के उत्तम दर्जे के सदाबहार गाने सुनना पसंद है। उन्हें किताबें पढ़ना भी काफी पसंद है। खाने में उन्हें राजमा चावल, कश्मीरी दम आलू बेहद पसंद है। उनके पसंदीदा हॉलीवुड अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो हैं वह एक ड्रामा स्कूल के मालिक भी हैं, जहां नए एक्टर तैयार करते हैं।
Read Also: डैनी डेंगजोंग्पा घर से 1500 रुपये लेकर आये थे मुंबई, बनना चाहते थे गज़ल गायक