पुणे में एक संगठन ने हैलमेट का अंतिम संस्कार करते हुए कानून का विरोध किया है। जी हां हैलमेट सख्ती विरोधी समिति नाम के इस संगठन ने हैलमेट पहनने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई अनिवार्यता के खिलाफ हैलमेट की अंत्योष्टि करके अनोखा विरोध जताया। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन की अगुवाई शिवसेना नेता महादेव बबाई ने की और पुलिस को हैलमेट अनिवार्य करने वाले कानून को वापस लेने को कहा। सबसे मजेदार बात तो ये रही कि 10 दिन पहले हैलमेट का अंतिम संस्कार करने के बाद संगठन ने उसकी दसवीं एक रैली निकालकर मनाई जहां काफी संख्या में हैलमेट विरोधी लोग हाथ में बैनर लिए सड़क पर निकले।
हैलमेट विरोधी सेना ने इस विरोध को लेकर काफी सारे तर्क दिए है। रिपोर्ट्स के अनुसार संगठन का कहना है कि पुणे जैसे कम भीड़भाड़ वाले शहर में हैलमेट लगाने की जरूरत ही नहीं है और यहां वैसे भी ट्रैफिक इतना ज्यादा रहता है कि लोग अपने वाहन धीरे ही चलाने को मजबूर है। वहीं संगठन का कहना है कि हैलमेट पहनने से लोगों की गर्दन में दर्द रहने लगा है और कई युवाओं के भरी जवानी में बाल भी जा रहे हैं।
संगठन का कहना है कि पुलिस को दुर्घटनाएं रोकने के लिए समय समय पर अभियान चलाने चाहिए जहां तेज गति से वाहन चलाने वालों पर लगाम कसनी चाहिए।
बता दें कि पिछले साल ही पुणे शहर में अलग अलग दुर्घटनाओं के कारण करीब 184 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और ये सभी लोग दुपहिया वाहनों पर सवार थे और किसी ने भी हैलमेट नहीं पहना था। इन घटनाओं के बाद से पुणे ट्रैफिक पुलिस हैलमेट अनिवार्यता कानून को लेकर सख्त हो गई और शहर में इसका उल्लंघन करने वालों पर उचित कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया। अब इसके विरोध में ये संगठन उतर आया है और हैलमेट अनिवार्यता को बंद करने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहा है।