भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों स्वाइन फ्लू से ग्रसित हैं और उनका एम्स में इलाज चल रहा है। शाह ने ट्वीट करके खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है, ‘मुझे स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है। ईश्वर की कृपा, आप सभी के प्रेम और शुभकामनाओं से शीघ्र ही स्वस्थ हो जाउंगा।’ स्वाइन फ्लू हर साल कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। इन दिनों फिर यह समस्या हर जगह देखने को मिल रही है। आइए इसके बारे आपको सारी जानकारी देते हैं ताकि आप इसे समझ सकें और इससे बच सकें।
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू या H1N1 एक इंफेक्शन है, जो इंफ्लूएंजा ए वायरस के कारण फैलता है। ये वायरस सूअरों में पाया जाता है। इंसानों में ये संक्रामक बीमारी काफी तेजी से फैलती है। इस बीमारी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि सावधानी रखी जाए। समय रहते यदि ध्यान रख लिया जाए तो बीमारी को गंभीर होने से पहले पहचाना जा सकता है। फ्लू की समस्या अधिकतर ठंड या बारिश के मौसम में होती है क्योंकि नमी के कारण संक्रमण तेजी से फैलता है।
बच्चों और बुजुर्गों को खतरा
स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों में होता है। साथ ही कम प्रतिरोधक क्षमता वाले या पहले से बीमार लोगों को भी ये बीमारी बहुत आसानी से हो जाती है। ऐसा कोई व्यक्ति जो काफी वक्त से बीमार हो, उसे भी इसका खतरा रहता है।
ये हैं लक्षण
स्वाइन के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि इसके लक्षण पहली नजर में सामान्य सर्दी-जुकाम लगने जैसे होते हैं। इसमें तेज बुखार, जुकाम, छींक जैसी स्थिति होती है। लेकिन परेशानी ज्यादा बढ़ने पर उल्टी-दस्त भी लग सकते हैं। साथ ही मरीज के मांसपेशियों मे दर्द, जकड़न, सिर और गले में दर्द की शिकायत रहती है। भूख नहीं लगती और अनिद्रा की समस्या पैदा हो जाती है।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
– स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है
– खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है
एंटी वायरल मेडिसिन
फ्लू की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना जरूरी है। इसके अलावा आराम करना, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना इसका सबसे बेहतर उपाय है। शुरुआत में पैरासीटमॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है। लेकिन इन दवाओं को कभी भी खुद से नहीं लेना चाहिए।
स्वाइन फ्लू के लिए घरेलू उपाय
तुलसी
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस गुण पाए जाते हैं। इसे इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। यह ‘एच1एन1’ वायरस से लड़ने में सहायक हो सकती है। इसके लिए आपको रोजाना तुलसी की पत्तियां चबानी चाहिए या चाय पीने चाहिए।
गिलोय
इसे एक दिव्य औषधि माना जाता है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। इस आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है।
लहसुन
लहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।
कपूर
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कपूर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वयस्क चाहें तो कपूर की गोली को पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं बच्चों को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ मिलाकर देना चाहिए। लेकिन कपूर के सेवन के बारे में इस बात का ध्यान रखें कि कपूर का रोज नहीं लेना चाहिए। महीने में एक या दो बार ही इसका इस्तेमाल पर्याप्त है।
एलोवेरा
एलोवेारा फ्लू से लडऩे की क्षमता बढ़ाता है। इसका इस्तेमाल दवाइयों तथा सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसके अलावा एलोवेरा व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। एलोवेरा जैल की एक चम्मच पानी के साथ इस्तेमाल करने से न सिर्फ त्वचा को खूबसूरत बनाया जा सकता है, बल्कि यह स्वाइन फ्लू के असर को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
हल्दी
हल्दी में अनिवार्य तेल और हल्दी को रंग देने वाला पदार्थ करक्युमिन होता है। करक्युमिन में कई औषधीय गुण होते हैं। गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। रोजाना एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है।