अमेरिकन प्लेराइट और एक्टिविस्ट लैरी क्रेमर का हुआ निधन

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Larry-Kramer

कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में एक और अमेरिकी सेलिब्रिटी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। हालांकि, इस शख्सियत का निधन कोरोना से नहीं हुआ है। अमेरिकन प्लेराइट, फिल्म प्रोड्यूसर, प​ब्लिक हेल्थ एडवोकेट और एलजी​बीटी एक्टिविस्ट लैरी क्रेमर का 84 साल की उम्र में निधन हो गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, क्रेमर को ‘वुमेन इन लव’ की पटकथा के लिए वर्ष 1969 में ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया था।

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साल 1988 से एचआईवी पॉजिटिव थे लैरी क्रेमर

डेविड वेबस्टर ने बताया कि लैरी क्रेमर वर्ष 1988 से एचआईवी पॉजिटिव थे। हाल में उन्हें निमोनिया हो गया था। क्रेमर को एक कार्यकर्ता के रूप में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। साल 1978 में उन्होंने उपन्यास ‘फगोट्स’ लिखा था, जोकि काफी विवादित भी रहा। बता दें, समलैंगिकों के अधिकार के लिए लड़ने वाले और एड्स एक्टिविस्ट के रूप में प्रसिद्धि पाई।

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लैरी क्रेमर दशकों तक अमेरिका के मैनहट्टन शहर में रहे। उन्होंने वर्ष 1981 में गे मेन्स हेल्थ क्राइसिस की सह-स्थापना की, जिसे तब ‘गे कैंसर’ कहा जा रहा था। साल 1983 में उन्होंने इस समूह को छोड़ दिया। इसके बाद वर्ष 1987 में क्रेमर ने एड्स महामारी को समाप्त करने के लिए विरोध संगठन एसीटी यूपी, एड्स कॉलिशिन टू अनलिश पावर की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि इस समूह ने बीमारों की जबरन वकालत की और अंतिम उपचार के लिए मार्ग प्रशस्त किया। लैरी क्रेमर के निधन पर उनके साथियों और फैंस ने दुख जताया है।

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