भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार(NDA) आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को अपना आखिरी बजट पेश करेगी। लोकसभा चुनाव इस साल अप्रेल-मई में होने जा रहे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है और उसमें कहा है कि यह बजट अंतरिम बजट ही होगा।
अरुण जेटली फिलहाल बीमार चल रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को अस्थायी रूप से वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया है और अंतरिम बजट वे ही पेश करेंगे। अंतरिम बजट के बारे में वो सबकुछ जो आपको जानने की जरूरत है-
अंतरिम बजट क्या है?
अंतरिम बजट एक सरकार का बजट है जो चुनावी साल में कुछ वक्त तक देश में व्यवस्था चलाने के लिए खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता है।
यह एक फुल-बजट के समान है क्योंकि सरकार इसमें भी आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए चल रहे राजकोषीय और अनुमानों के लिए खर्चा पेश करती है। अंतरिम बजट खर्चा और कमाई दोनों सहित खातों का एक पूरा सेट है और पूरा वित्तीय विवरण इसके अंदर दिया जाता है।
केंद्र सरकार टैक्स में बदलाव कर सकती है लेकिन चुनावी वर्ष के दौरान सरकारों ने अंतरिम बजट के दौरान इनकम टैक्स कानूनों में कोई बड़ा बदलाव करने से परहेज किया है।
अंतरिम बजट कब पेश किया जाता है?
एक अंतरिम बजट सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाता है यदि उसके पास पूर्ण बजट के लिए समय नहीं है या क्योंकि आम चुनाव जल्द ही आने वाले हों। इसलिए परंपरागत रूप से जिस साल चुनाव होना है उसी साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। इसमें पूरा बजट तैयार करना आने वाली सरकार पर छोड़ा जाता है।
अंतरिम बजट की क्या आवश्यकता है?
लोकसभा चुनावों के बाद जो सरकार चुनी जाएगी उस सरकार को अपना बजट बनाने में वक्त लगता है उस समय तक वीत्तीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है। 31 मार्च तक वित्तीय वर्ष समाप्त होता है और संसद द्वारा इसी समय तक सरकार को खर्चे की अनुमति दी जाती है।
सरकार को नए वित्तीय वर्ष में खर्चे के लिए संसदीय प्राधिकरण की आवश्यकता होती है, जब तक कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले इसे प्रस्तुत करने में सक्षम न हो।
संसद अंतरिम बजट के माध्यम से एक वोट-ऑन-अकाउंट पारित करती है, जो सरकार को वेतन और उसके कार्यक्रमों के लिए प्रशासन के खर्चों को पूरा करने की अनुमति देती है।
यह तब तक है जब तक नई संसद पूरे वर्ष के लिए बजट पर विचार और पारित नहीं करती है। चुनाव की स्थिति में वोट-ऑन-अकाउंट आमतौर पर चार महीने की अवधि के लिए होता है।
अंतरिम बजट आम बजट से कैसे अलग है?
अंतरिम बजट में वोट-ऑन-अकाउंट एक वित्तीय वर्ष के हिस्से के लिए खर्च के लिए संसद की अनुमति चाहता है। खर्चा पूरे वर्ष के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं, जैसा कि नियमित बजट में होता है। नई सरकार को अंतिम बजट पेश होने पर अनुमानों को पूरी तरह से बदलने की पूरी स्वतंत्रता है।
क्या सरकार नए टैक्स और नीतियों की घोषणा कर सकती है?
सरकार संविधान के तहत अंतरिम बजट में टैक्स परिवर्तन कर सकती है। आजादी के बाद से 12 अंतरिम बजट बड़े टिकट परिवर्तन या नई योजनाओं की घोषणा करने से बचते रहे हैं।