भारत विविधताओं भरा देश है, यहां हर धर्म के लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं, सभी को अपने आराध्य की पूजा करने की पूरी स्वतंत्रता है और भी बहुत कुछ….ये सब बातें हम सभी ने बचपन में स्कूलों में और उसके हर उस सामाजिक सद्धभाव की बात करने वाले व्यक्ति से सुनी है। अब इन बातों को अमलीजामा कहां और कितना पहना पाए, इसकी बहस पर फिर कभी चलेंगे।
आज बात करते हैं दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना की जिसको हिंदुओं की सेना भी कहा जाता है। यह खुद को एक गैर-लाभकारी भारतीय संगठन बताता है। हिंदुत्ववादी विचारधारा और हिंदू राष्ट्रवाद की कल्पना लिए 10 अगस्त 2011 को विष्णु गुप्ता ने इसकी नींव की ईंट रखी जो वर्तमान में इसके कर्ताधर्ता हैं।
कैसे हुई शुरूआत ?
2011 में कुछ समर्थकों के साथ विष्णु गुप्ता ने ही हिंदू सेना की शुरुआत की, जो मूल रूप से नई दिल्ली में एक आंदोलन से उभरा जहां हिंदुओं के लिए समान अधिकारों की मांग आग पकड़ रही थी। हिंदू सेना के सदस्यों को हिंदू संत कहा जाता है। हालाँकि संगठन ने अभी तक दिल्ली से आगे पैर नहीं पसारे हैं। लेकिन हिंदू सेना की दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा राज्यों में कई सक्रिय इकाईयां हैं।
अब क्यों है चर्चा में ?
हाल में हिंदू सेना ने क्वीन विक्टोरिया की 118वीं पुण्यतिथि मनाई और कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। संगठन का मानना है कि मुगल भारत के असली दुश्मन थे और रानी ने भारत को पहली आजादी दिलवाई थी। वहीं ब्रिटिश शासकों की तारीफ करते हुए आगे सेना ने कहा कि ब्रिटिशों ने भारत को वो सब दिया जो आज हमारे पास हैं।
हिंदुवादी संगठन हमेशा से ही मुगलों को भारत के मंदिर तोड़ने का अपराधी मानते रहे हैं। हिंदू सेना का कहना है कि ब्रिटिश शासकों ने दूसरों की तरह हमारे मंदिरों को नहीं तोड़ा। आखिर में उन्होंने ब्रिटिशों को सज्जनों का वंश बताया।
इससे पहले मनाया था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बर्थडे
इससे पहले हिंदू सेना ने साल 2017 में 14 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 71वां बर्थडे मनाया था। इस दिन के लिए सेना के लोगों ने राइट विंग ग्रुपों को सोशल मीडिया के जरिए आमंत्रित किया था। बर्थडे मनाने के लिए सेना ने 7.1 किलो का केक भी बनवाया था।
इससे पहले भी हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने ट्रंप को मानवता का रक्षक बताया और राष्ट्रपति चुनावों के समय इन्हें ट्रंप के जीत के लिए दुआ करते हुए भी देखा गया।
स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग भी की
हिंदू सेना के बने रहने की शायद एक वजह यह भी है कि वो समय-समय पर ऐसे प्रदर्शन और मांग करती रहती है जिससे मीडिया उस पर नजरें बनाए रखें। हिंदू सेना ने इससे पहले स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए संघर्ष करने वालों का समर्थन किया था। सेना का कहना था कि पाकिस्तान को बलूचिस्तान से आजाद करना चाहिए। इसके अलावा सेना के लोगों को काफी बार ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ जैसे नारे लगाते हुए भी देखा गया है।