क्या चल रहा है CBI और बंगाल पुलिस के बीच, जानिए पूरा मामला!

Views : 4184  |  0 minutes read
mamata-banerjee

सीबीआई के कोलकाता पुलिस कमीश्नर पर सवाल खड़े करने के कारण राजनीति में फिलहाल हलचल मची हुई है। विभिन्न प्लेटफार्मों पर विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों की आम सभाओं की मीटिंग के दो दिन बाद सीबीआई ने ये कदम उठाया।

अब क्या?

इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार के खिलाफ तख्तापलट का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि  सबूतों को नष्ट करना पुलिस कमिश्नर पर भारी पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने याचिका दायर की थी और अदालत ने चेतावनी दी कि अगर एजेंसी सबूत पेश कर सकती है तो कुमार पर यह भारी पड़ेगा।

cbi and bengal police
cbi and bengal police

जानिए पूरा मामला

सीबीआई पुलिस कमीश्नर पर की जाने वाली कार्यवाही में नाकाम रही। 3 फरवरी की देर शाम 40 से अधिक सीबीआई अधिकारी नगर पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के कार्यालय में पहुंचे। कहा जा रहा है सीबीआई ने इसके लिए किसी तरह की पूर्व सूचना के ये कार्यवाही कर रहे थे। सीबीआई का आरोप था कि पुलिस कमीश्नर राजीव कुमार चिट फंड केस में सबूतों को दबाने की कोशिश कर रहे थे। इसी को लेकर सीबीआई उन पर सवाल उठा रही थी।

राजीव कुमार शारदा और रोज वैली चिट फंड घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे थे और सीबीआई ने आरोप लगाया कि हो सकता है कि उन्होंने महत्वपूर्ण सबूतों को छिपाने की कोशिश की हो।

rajeev-kumar
rajeev-kumar

एक दिन पहले एजेंसी के अधिकारियों ने कहा था कि पुलिस कमीश्नर “लापता” हो गए थे। जिस पर कोलकाता पुलिस ने इसे सिरे से नकार दिया था। बंगाल पुलिस ने कहा कि वे रोजना अपने ऑफिस आ नरहे हैं लेकिन 31 जनवरी को वे छुट्टी पर थे।

सीबीआई के इस कदम के कारण राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसी के बीच संघर्ष तब ज्यादा बढ़ गया जब कोलकाता पुलिस की टीम ने पुलिस के वाहनों में एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालयों से कम से कम पांच सीबीआई अधिकारियों को उठा लिया। और ये ड्रामा बढ़ता ही चला गया। राज्य पुलिस ने बाद में कहा कि उसने अधिकारियों को पूछताछ के लिए केवल कुछ घंटों के लिए हिरासत में लिया था ताकि पता लगाए जा सकें कि उनके पास पुलिस कमीश्नर से पूछताछ करने के लिए सभी आवश्यक परमिशन और कागजात हैं या नहीं।

राजीव कुमार 30 जनवरी की चुनाव आयोग की मीटिंग में नहीं पहुंचे

mamata-banerjee
mamata-banerjee

चुनाव आयोग ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से 30 जनवरी, गुरुवार को बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेने के लिए जवाब मांगा। कुमार ने मीटिंग में फिर किसी और कमीश्नर को अपनी जगह पर भेजा था। इसके बाद ये अफवाह फैल गई कि सीबीआई राजीव कुमार को चिट फंड केस के सिलसिले में ढ़ूंढ़ रही हैं लेकिन राजीव कुमार तीन दिन से फरार हैं। और फिर सीबीआई की कार्यवाही के बाद ये ड्रामा शुरू हुआ।

इस बीच, सीआरपीएफ को शहर के सीबीआई कार्यालय के बाहर लगाया गया। मेट्रो चैनल पर ही मुख्यमंत्री के लिए एक अस्थायी कार्यालय बनाने की व्यवस्था की जा रही थी।

अमित शाह की रैली और भाजपा की लोकसभा चाल

CBI बनाम कोलकाता पुलिस के प्रदर्शन से पहले बंगाल में भाजपा की रैली की योजनाओं पर बहल छिड़ी हुई थी। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में रैलियों की योजना बनाई है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 29 जनवरी को मालदा जिले में इस तरह की एक रैली आयोजित की उसके बाद भी उनके हेलीकॉप्टर को जिले में उतरने से मना कर दिया गया।

मालदा रैली से कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में आयोजित होने वाली एक मेगा ‘मोदी रैली’ भी स्थगित कर दी गई थी और ठाकुरनगर के कम केंद्रीय स्थान (कोलकाता से लगभग ढाई घंटे) दूर स्थानांतरित कर दिया गया था।

amit-shah-narendra-modi
amit-shah-narendra-modi

3 फरवरी को रिपोर्टों में सामने आया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को उत्तर दिनाजपुर जिले में उतरने से भी मना कर दिया गया था जहाँ वे एक रैली को संबोधित करने वाले थे।

19 जनवरी को 19 हिस्टोरिक ‘ब्रिगेड रैली’

और इससे पहले, 19 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ’ऐतिहासिक’ विपक्ष रैली हुई थी उशमें 22-23 दलों के नेता एक साथ आए थे। रैली को भाजपा के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के रूप में देखा गया।

COMMENT