सिद्धार्थ : चिकमंगलुरू के खेतों से पूरी दुनिया तक पहुंचाई CCD कॉफी, ऐसे बने 4000 करोड़ के मालिक

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देश की मशहूर कॉफी चेन सीसीडी की चर्चा आज किसी नए प्रोडक्ट को लेकर नहीं बल्कि कंपनी के मालिक को लेकर चारों ओर हलचल जोरों पर है। हुआ यह है कि कंपनी के मालिक वीजी सिद्धार्थ बीते सोमवार की शाम से लापता है।

लापता होने की सूचना मिलने के बाद से दक्षिण कन्‍नड़ पुलिस कल शाम से सिद्धार्थ की तलाश कर रही है। फिलहाल यह बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ किसी काम से अपने ड्राइवर के साथ चिकमंगलूर गए जहां से लौटते हुए मंगलुरू के पास अपनी कार से उतरे और ड्राइवर को जाने के लिए कहा। आपको बता दें कि सिद्धार्थ पूर्व मुख्‍यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा के दामाद भी हैं। आइए एक नजर डालते हैं उनके अब तक के सफर पर।

23 साल पहले इंटरनेट कैफे से हुई शुरुआत

आज देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन कहलाने वाली सीसीडी की नींव 1996 में रखी गई। 23 साल पहले बेंगलूरू की ब्रिगेड रोड से इंटरनेट कैफे के नाम से एक कॉफी शॉप खोली गई। उन दिनों फ्री का इंटरनेट मिलना बहुत बड़ी बात थी लिहाजा इंटरनेट कैफे लोगों को काफी पसंद आया।

धीरे-धीरे यूथ के हैंगआउट का अड्डा यह कैफे बन गया। कुछ समय बाद इसी कॉन्सेप्ट को आगे ले जाकर सीसीडी ने कॉफी बिजनेस को आगे बढ़ाया।

आज सीसीडी देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन

कॉफी बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए सीसीडी ने शुरूआत के कुछ सालों में देश के कुछ चुनिंदा हिस्सों में कैफे खोले। आज देश के 247 शहरों में सीसीडी के 1,758 कैफे हैं। सिद्धार्थ का पारिवारिक बिजनेस कॉफी का ही रहा है। अपने बागानों में उगाई जाने वाली कॉफी से ही सीसीडी का आइडिया निकला।

पिता ने दिए सिर्फ 5 लाख रूपये

सिद्धार्थ ने सीसीडी शुरू करने के समय अपने पिता से 5 लाख मांगे। पिता ने पैसे तो दिए लेकिन वापस लौटाने की शर्त भी रख दी। अगर सिद्धार्थ इस कैफे बिजनेस में कामयाब नहीं होते तो उनके पिता ने पूरे पैसे वापस लौटाने को कहा। लेकिन सिद्धार्थ का जुनून उन्हें कहीं ओर ही ले जाना चाहता था। आज सीसीडी की नेटवर्थ 4000 करोड़ रूपये है।

वीजी सिद्धार्थ कौन है ?

चिकमंगलुरू की कॉफी को पूरी दुनिया तक पहुंचाने वाले सिद्धार्थ ने कॉलेज पूरा करने के बाद मुंबई के जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड में नौकरी करना शुरू किया। कुछ समय काम करने के बाद वह बेंगलुरू आए और सीवान सेक्‍युरिटीज नाम से कंपनी खोली। कुछ समय बाद 1996 में यहीं से ही कैफे कॉफी डे की शुरूआत की।

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