पाकिस्तान द्वारा किये गए आंतकी हमलों के बाद बढ़े तनाव के बीच भारत सरकार की ओर से भारतीय वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों को भी जेड प्लस सुरक्षा देने का एक बड़ा फैसला लिया गया है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बी.एस. धनोआ और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को संभावित खतरे की गहन समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों सेनाओं के प्रमुखों को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पहले ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।
दरअसल, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें हमारे करीब 40 जवान शहीद हो गए थे।
क्या है Z+ सुरक्षा और किनको प्रदान की जाती है?
हमारे देश में सबसे उच्चतम स्तर की सुरक्षा श्रेणी जेड प्लस है। इसका जिम्मा एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) जैसी एजेंसियों पर होता है।
इन सुरक्षा दलों द्वारा अति विशिष्ट व्यक्तियों, नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी स्टारों को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। एनएसजी बड़े पैमाने पर ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा वीआईपी और वीवीआईपी को देती है। कई एनएसजी जवान स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं।
सुरक्षा की विभिन्न श्रेणियां इस प्रकार हैं –
जेड प्लस (Z+) सिक्योरिटी
जेड प्लस सुरक्षा देश की सभी प्रकार की सुरक्षा मानकों में सबसे मजबूत और सुरक्षित माना जाता है। यह सुरक्षा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील व्यक्तियों को प्रदान की जाती है।
इस सुरक्षा के अंतर्गत 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें 10 एनएसजी कमांडो और एसपीजी कमांडो होेते हैं। ये कमांडो अति प्रशिक्षित और बिना हथियार के भी हथियारबंद दुश्मनों पर भारी पड़ते हैं। इन कमांडो के अलावा इस सुरक्षा दल में पुलिस, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवाना शामिल होते है।
जेड प्लस सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी जिस वीवीआईपी व्यक्ति की सुरक्षा में हैं को अंग्रेजी वर्णमाला के अंतिम अक्षर ‘Z’ के आकार में रणनीति बनाकर सुरक्षा प्रदान करते हैं।
इस सुरक्षा में कई घेरे होते हैं। इसके पहले घेरे में एनएसजी के कमांडो की जिम्मेदारी में होती है जबकि दूसरे घेरे में एसपीजी के अधिकारियों की निगरानी में। इसके बाद ओर घेरों में अन्य सुरक्षा कर्मी वीवीआईपी व्यक्ति को सुरक्षा घेरा प्रदान करते है।
इतनी कड़ी सुरक्षा जिसमें परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, ऐसे में जेड प्लस सिक्योरिटी आज के समय में सभी सुरक्षा मानकों में सबसे अधिक सुरक्षित है यानि यह जिसकी सुरक्षा करने का जिम्मा लेती है उसकी सुरक्षा की शत प्रतिशत गारंटी होती है।
जेड सुरक्षा (Z)
इस सुरक्षा का स्थान जेड प्लस सुरक्षा के बाद सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह भी जेड प्लस की तरह काफी मजबूत सुरक्षातंत्र है। आज के समय में देश के विभिन्न प्रसिद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए जेड सिक्योरिटी प्रदान की जाती है।
इस सुरक्षा में 22 जवानों का एक सुरक्षा कवच है, जिसमें 5 एनएसजी कमांडो होते हैं और पुलिस अधिकारी, आईटीबीपी, सीआरपीएफ के चुनिंदा जवान शामिल होते हैं।
इस सुरक्षा दल को जिस भी प्रसिद्ध व्यक्ति की सुरक्षा का जिम्मा दिया जाता है उसे कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। इसमें भी जेड प्लस की तरह सुरक्षा घेरा होता है, जिसमें वीवीआईपी (VVIP) व्यक्ति को केन्द्र में रखा जाता है।
वर्तमान में तकरीबन 38 लोगों को यह सुविधा दी जा रही है, जिसमें योग गुरु रामदेव, कई अभिनेता जैसे कि आमिर खान आदि भी शामिल हैं।
वाई (Y) सिक्योरिटी
किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को सुरक्षा देने के मामले में तीसरी महत्त्वपूर्ण सुरक्षा घेरा है। इस श्रेणी में 11 जवानों द्वारा एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है। जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं।
इस सुरक्षा को भेद पाना बहुत कठिन है, क्योंकि इसमें दो एनएसजी कमांडो तथा अन्य सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पुलिस बल के चुनिंदा सदस्य होते हैं।
एक्स (X) श्रेणी की सिक्योरिटी
यह सुरक्षा भी भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली चौथे स्थान पर है। इसमें 5 या 2 जवानों द्वारा एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है, जिसमें केवल सशस्त्र पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं।