योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा तैयार की गई कोरोना वायरस की दवा ‘कोरोनिल’ पर राजस्थान सरकार के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस बात की जानकारी राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी। उन्होंने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में महाराष्ट्र में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बाबा रामदेव को दी चेतावनी
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि की ‘कोरोनिल’ का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की इजाजत नहीं देगी।’
The National Institute of Medical Sciences, Jaipur will find out whether clinical trials of @PypAyurved's 'Coronil' were done at all. An abundant warning to @yogrishiramdev that Maharashtra won't allow sale of spurious medicines. #MaharashtraGovtCares#NoPlayingWithLives
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) June 24, 2020
आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय की ओर से दवा पर आपत्ति जताने के बाद राजस्थान पहला ऐसा राज्य था, जिसने पतंजलि कंपनी की इस दवा की बिक्री पर रोक लगाई। राज्य की गहलोत सरकार ने अपने एक आदेश में कहा है कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय की अनुमति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का विक्रय नहीं किया जा सकता है। राजस्थान सरकार ने अपने इस आदेश में साफ कहा कि कोरोना वायरस महामारी के उपचार की दवा के तौर पर किसी भी औषधि का विक्रय किए जाने पर विक्रेता के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव के दावों पर सवाल उठाए थे। मंत्रालय ने इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी और दवा की जांच करने की बात कही थी। केंद्र सरकार ने पतंजलि से दवा के ट्रायल रिकॉर्ड मांगे थे।
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हमारी दवा और दावा दोनों पूरी तरह सही हैं: पतंजलि एमडी बालकृष्ण
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के फाउंडर और एमडी आचार्य बालकृष्ण का इस संबंध में कहना था कि हमारी दवा और दावा दोनों पूरी तरह सही हैं। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इनसे जुड़ी कुछ जानकारियां मांगी थीं, जो उपलब्ध करा दी गई हैं। मंत्रालय की आपत्ति के बाद उत्तराखंड आयुष विभाग ने बुधवार को पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया। राज्य आयुष विभाग ने कंपनी से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है कि किस आधार पर कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया गया, जबकि विभाग द्वारा पतंजलि को इम्यूनिटी बूस्टर का लाइसेंस दिया गया था।