‘महा’ तूफान के बाद अब बंगाल की खाड़ी में उठने वाला ‘बुलबुल’ तूफान मचाएगा कहर

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जहां चक्रवाती तूफान ‘महा’ का खतरा होता दिख रहा है, वहीं बंगाल की खाड़ी से एक नया चक्रवाती तूफान का असर दिखने लगा है जिसका मौसम वैज्ञानिकों ने ‘बुलबुल’ नाम दिया है। यह तूफान आगामी 24 घंटों में अपना असर दिखाएगा।

साल का सातवां चक्रवात है बुलबुल

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक के बाद एक लगातार तीन चक्रवाती तूफान बने हों। क्योंकि ‘महा’ का खतरा अभी कम हुआ है उससे पांच दिन पहले ही ‘क्यार’ चक्रवाती तूफान का कहर समाप्त हुआ था। वैज्ञानिक ए के शुक्ला ने बताया कि पिछले 11 महीनों में देश में आने वाले तूफानों में बुलबुल सातवां चक्रवात है।

बंगाल की खाड़ी से उठने वाले बुलबुल चक्रवाती तूफान की दिशा उत्तर की ओर 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। यह भारत के राज्य पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की ओर आगे बढ़ सकता है। इस तूफान की गति अभी और बढ़ेगी और इसकी वजह से अगले 24 घंटों में अंडमान में तेज बारिश हो सकती है। धीरे—धीरे यह 10 नवंबर तक बहुत शक्तिशाली चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर लेगा।

इस तूफान की रफ्तार 8 नवंबर को 110 से 130 किमी/घंटा रह सकती है और 9 नवंबर को बढ़कर 125 से 140 किमी/घंटा रहेगी। वहीं यह 10 नवंबर को 130 से 140 किमी/घंटे की रफ्तार से चलेगा। इस तूफान की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में 9 से 11 नवंबर तक हल्की और मध्यम बारिश हो सकती है।

वहीं गुजरात के तटीय इलाकों में जारी ‘महा’ तूफान को मौसम विभाग ने अत्यधिक गंभीर तूफान की श्रेणी में रखा है। यह तूफान लगातार 21 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। फिलहाल यह तूफान गुजरात के पोरबंदर से 480 किलोमीटर दूर है। अगले 24 घंटों में महा तूफान गुजरात राज्य के तटीय इलाकों और दीव तक पहुंच जाएगा।

महा तूफान से मछुआरों को किया अलर्ट

मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि इस तूफान की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और हवाएं 90 किलोमीटर की गति से चलेंगी। 6 से 8 नवंबर तक अरब सागर में तेज लहरें उठने की संभावना है। विभाग ने गुजरात और महाराष्ट्र के मछुआरों को समुद्र में मछलियां न पकड़ ने की चेतावनी दी है। हालांकि मौसम विभाग ने यह उम्मीद जताई है कि यह तूफान 8 नवंबर तक धीरे—धीरे कमजोर होने लग जाएगा।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इन दोनों तूफानों से वायु प्रदूषण में राहत मिलने की संभावना है। जिसका उत्तर भारत से पूर्व और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तक फैलाव है।

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