अभिनंदन की तरह अब भी पाकिस्तानी जेल में कैद इन 54 जवानों को देश ने क्यों भुला दिया !

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प्रतीकात्मक फोटो

कल देश में जश्न का माहौल था, कुछ मीडिया चैनलों की हैडलाइन देखें तो कल देश ने होली और दिवाली एक साथ मनाई, क्योंकि कल 1 मार्च 2019 को भारतीय एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन 50 घंटे पाकिस्तान में बिताने के बाद वापस लौट रहे थे। अभिनंदन पाकिस्तानी वायु सेना के F-16 लड़ाकू विमान का सामना करते हुए मिग 21 उड़ा रहे थे जिसके बाद दोनों तरफ से हो रहे इस हमले में दुर्भाग्यवश उनका जेट सीमा के उस पार जा गिरा और वो पाकिस्तान के चंगुल में फंस गए।

हालांकि जेनेवा संधि के नियमों के आधार और इस मामले में अंतराष्ट्रीय दवाब होने के कारण पाकिस्तान को सुरक्षित अभिनंदन की वापसी के रास्ते खोलने पड़े।

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अब अभिनंदन जब देश में है तो उनको वापस भेजने के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान के फैसले का कई तरह से विश्लेषण किया जा रहा है। कुछ जानकारों का कहना है कि यह फैसला पाकिस्तान सरकार का शांति की ओर इशारा करता है जबकि कुछ का कहना है कि यह वापसी भारतीय कूटनीति की एक बहुत बड़ी जीत है।

अभिनंदन के मामले में पाकिस्तान ने जिस जेनेवा संधि को सशर्त माना है इससे पहले इसी के नियमों की पाकिस्तान ने धज्जियां उड़ाई थी। जी हां, जेनेवा संधि को नहीं मानने की वजह से आज भी 54 भारतीय वीर पाकिस्तान की कैद में है। उनके वापस आने की खबर सुनने के लिए पिछले चार दशक से इन 54 परिवारों के लोग रोज तड़प रहे हैं।

इनके पीछे की कहानी क्या है ?

1971 में जब देश में इंदिरा गांधी की सरकार थी, इसी दौरान भारत ने पाकिस्तान में रहने वाले पूर्वी पाकिस्तान के मुसलमान लोगों को आजाद करवाने के बारे में सोचा। इसी काम में लगे 54 भारतीय जवान जब युद्ध हुआ तो पाकिस्तान बॉर्डर के उस पार फंस गए और वहीं रह गए।

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इन सभी बंदियों को “THE MISSING 54” के नाम से जाना जाता है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट कहती है कि इन 54 लोगों में 30 जवान आर्मी के थे और 24 एयरफोर्स के जवान शामिल हैं।

सरकार ने इनके फंसने के बाद इनकी रिहाई में कई अंतराष्ट्रीय मंचों और कमेटियों के दरवाजे खटखटाए लेकिन आज भी हाथ खाली है और वो सलाखों के पीछे हैं। हालांकि पाकिस्तान का रवैया इस मामले में काफी आलोचनात्मक रहा, क्योंकि इससे पहले 1989 में पाकिस्तान ने अपनी जेलों में इन 54 कैदियों के होने से इंकार कर दिया था। बीते चार दशक से पाकिस्तान की तरफ से इन जवानों के बारे में अभी तक कोई भी अपडेट नहीं दी गई है।

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