बॉलीवुड में अपने समय के सुप्रसिद्ध अभिनेता शम्मी कपूर की 21 अक्टूबर को 92वीं बर्थ एनिवर्सरी है। शम्मी वर्ष 1950 से 1970 के दशक तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत ही लोकप्रिय अभिनेता हुआ करते थे। उन्हें वर्ष 1968 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘ब्रह्मचारी’ में शानदार अभिनय के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का फिल्मेफयर अवॉर्ड और वर्ष 1982 में फिल्म ‘विधाता’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। शम्मी कपूर को बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का ‘एल्विस प्रेस्ली’ कहा जाता है। उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। इस ख़ास अवसर पर जानिए शम्मी के जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
अविभाजित भारत के कई शहरों में बीता बचपन
अभिनेता शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर, 1931 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर भी अपने समय के मशहूर एक्टर हुआ करते थे। शम्मी के पिता ने उनका बचपन का नाम शमशेर राज कपूर रखा था। शम्मी का जन्म भले ही मुंबई में हुआ हो, लेकिन उनके बचपन के कुछ वर्ष पेशावर (अब पाकिस्तान) में पुश्तैनी कपूर हवेली में बीता। बाद में उन्होंने कुछ वक्त कलकत्ता (अब कोलकाता) में बिताया, जहां उनके पिता न्यू थिएटर्स स्टूडियो से जुड़े थे। उनकी शिक्षा कोलकाता में मोंटेसरी में हुई थी।
बाद में शम्मी कपूर वापस बंबई आ गए और सेंट जोसेफ कॉन्वेंट (वडाला) और फिर डॉन बॉस्को स्कूल में अध्ययन किया। उन्होंने ह्यूजेस रोड स्थित न्यू एरा स्कूल से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं पर उन्होंने रामनारायण रुइया कॉलेज में आगे अध्ययन किया। इस दौरान वह अपने पिता पृथ्वीराज के पृथ्वी थिएटर्स से जुड़ गए। वर्ष 1948 में उन्होंने बॉलीवुड फिल्म में बाल कलाकार का किरदार प्ले किया।
फिल्म ‘जीवन ज्योति’ से शुरू हुआ फिल्मी सफर
घर में फिल्मी माहौल होने की वजह से शम्मी कपूर की एक्टिंग में दिलचस्पी हुई और बाद में बॉलीवुड में ही अपना करियर बनाने का निर्णय किया। उनकी पहली फिल्म वर्ष 1953 में महेश कौल द्वारा निर्देशित ‘जीवन ज्योति’ थी। इस फिल्म में उनकी नायिका चांद उस्मानी थीं। इसके बाद शम्मी कपूर ने फिल्म ‘तुमसा नहीं देखा’, ‘दिल देकर देखो’, ‘सिंगापुर’, ‘जंगली’, ‘कॉलेज गर्ल’, ‘चाइना टाउन’, ‘प्रोफेसर’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘कश्मीर की कली’, ‘जानवर’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘अंदाज’ और ‘सच्चाई’ जैसी कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया।
गीता बाली से घरवालों के खिलाफ जाकर की थी शादी
अभिनेता शम्मी कपूर ने अपने समय की फेमस एक्ट्रेस गीता बाली से 24 अगस्त, 1955 को शादी की। शादी से पहले दोनों एक-दूसरे को बेहद चाहते थे। बाद में दोनों ने एक मंदिर में जाकर शादी कर ली। लेकिन इससे दोनों के परिवार वाले खुश नहीं थे। बाद में परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। इन दोनों के दो बच्चे हुए। गीता को बाद में चेचक हो गया, जिससे उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई व 21 जनवरी, 1965 को उनकी मौत हो गईं।
इसके बाद शम्मी कपूर ने दूसरी शादी गुजरात के भावनगर की रॉयल फैमिली की बेटी नीला देवी से की। इस शादी पर उन्होंने नीला के सामने शर्त रखी कि वह कभी मां नहीं बनेंगी और उन्हें पहली पत्नी से हुए बच्चों का ध्यान रखना होगा। इस शर्त को मानने के बाद दोनों की शादी हुई थी। आपको बता दें कि शम्मी कपूर का कैरो-मिस्र की एक्ट्रेस नादिया गमाल के साथ भी रिश्ता रहा था। वह एक बेली डांसर थी। हालांकि, इनका यह रिश्ता नादिया गमाल के वापस काहिरा जाने के साथ ही टूट गया था।
एक्टर शम्मी कपूर का निधन
बॉलीवुड अभिनेता व निर्देशक शम्मी कपूर को गुर्दे की बीमारी थी, जिसकी वजह से 7 अगस्त, 2011 को उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उनकी हालत तेजी से बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट भी दिया गया। लेकिन बीमारी की हालत में ही उनका 14 अगस्त, 2011 को निधन हो गया।
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