अपने जमाने के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 8 दिसंबर, 1935 को लुधियाना जिले (पंजाब) के नसराली गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। धर्मेंद्र का असल नाम धरम सिंह देओल हैं। उनके पिता का नाम केवल किशन सिंह देओल और उनकी मां का नाम सतवंत कौर हैं। उनका पैतृक गांव डंगों पखोवल के पास रायकोट तहसील में है। धर्मेंद्र का बचनपन साहनेवाल गांव में गुजरा था। करीब छह दशक के करियर में धर्मेन्द्र ने कई यादगार फिल्में दी हैं। उन्होंने कुछ फिल्में प्रोड्यूस कीं और राजनीति में भी हाथ आजमाए। इस ख़ास अवसर पर जानिए बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र की जिंदगी के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
दसवीं तक ही पढ़ाई कर पाए थे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र ने शुरुआती शिक्षा लुधियाना के लालटन कलां के गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल में ली, जहां उनके पिता स्कूल में हेडमास्टर हुआ करते थे। उन्होंने वर्ष 1952 में फ़गवाड़ा के रामगढ़िया कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। वे क्लास 10वीं तक ही पढ़ाई कर पाए थे। धर्मेंद्र को ‘ही मैन’, ‘गरम धरम’, ‘एक्शन किंग’ और ‘धरमजी’ जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। वे अपने समय के सबसे स्मार्ट और रोमांटिक एक्टर माने जाते हैं।
उन्होंने अपने करियर में उस जमाने की सबसे नामचीन एक्ट्रेस के साथ काम किया है। धर्मेंद्र ने युवा अवस्था में अपने गांव से मीलों दूर एक सिनेमाघर में प्रसिद्ध एक्ट्रेस सुरैया की फिल्म ‘दिल्लगी’ देखी। इससे वे इतने प्रभावित हुए कि अपना करियर उन्होंने फिल्मों में बनाने का निश्चय किया। उल्लेखनीय है कि धर्मेंद्र को सुरैया बहुत पसंद थीं, इसलिए उन्होंने उनकी फिल्म ‘दिल्लगी’ को 40 से ज्यादा बार देखा।
‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से शुरु हुआ करियर
अभिनेता धर्मेंद्र के बॉलीवुड करियर की शुरुआत वर्ष 1960 में रिलीज अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से हुई थी। लेकिन उनको पहचान फिल्म ‘फूल और पत्थर’ से मिलीं। उनकी आखिरी फिल्म ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ हैं। फिल्मों में आने से पहले धर्मेंद्र रेलवे में हुआ करते थे। उनकी तनख्वाह सवा सौ रुपये महीना हुआ करती थी। धर्मेंद्र ने अपने 6 दशक लंबे फिल्मी करियर ‘सत्यकाम’, ‘बंदिनी’, ‘शोले’, ‘जुगनू’, ‘अनुपमा’, ‘धर्मवीर’ और ‘चुपके-चुपके’ जैसी कई शानदार फिल्में कीं।
उन्होंने अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस नूतन, सायरा बानो, नंदा, मीना कुमारी व माला सिन्हा के साथ कई फिल्मों में काम किया। धर्मेंद्र की सबसे ज्यादा जोड़ी हेमा मालिनी के साथ जमीं। दोनों ने कई हिट फिल्में बॉलीवुड को दीं। साल 1991 में बतौर प्रोड्यूसर धर्मेंद्र की फिल्म ‘घायल’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। वे फिल्मों के अलावा राजनीति और टीवी के शो में भी हाथ आजमा चुके हैं।
प्यार के खातिर नाम बदला और दूसरी शादी की
अभिनेता धर्मेंद्र की पहली शादी वर्ष 1954 में 19 साल की उम्र में परकाश कौर से हुई थी। इन दोनों के चार संतानें.. दो बेटे सनी देओल, बॉबी देओल और दो बेटियां विजेता देओल व अजीता देओल हुईं। फिल्मों में कामयाब होने के बाद उन्होंने एक्ट्रेस हेमा मालिनी से दूसरी शादी कीं। हेमा से प्यार व शादी के खातिर धर्मेंद्र ने वर्ष 1981 में इस्लाम धर्म अपनाकर अपना नाम दिलावर खान कर लिया और हेमा मालिनी के संग शादी कर लीं। इनसे उन्हें दो बेटियां ईशा देओल और आहना देओल हैं।
बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते
धर्मेंद्र राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं। वे वर्ष 2004 में बीजेपी (BJP) के टिकट पर राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा चुनाव जीते और 2009 तक सांसद रहे। इसके बाद उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया। धर्मेंद्र को साल 2012 में भारत सरकार ने सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान ‘पद्मभूषण’ से नवाज़ा। उम्र के इस पड़ाव पर वे फिल्मों और सिने जगत से दूर आराम से ज़िंदगी जी रहे हैं।
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