निशानेबाजी के सर्वोच्च सम्मान ‘द ब्लू क्रॉस’ से सम्मानित पहले भारतीय हैं अभिनव बिंद्रा

Views : 6649  |  4 minutes read
Abhinav-Bindra-Biography

साल 2008 में आयोजित हुए बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले पूर्व भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा आज 28 सितंबर को अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके बारे में सबसे ख़ास बात ये है कि वह ओलम्पिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसके अलावा अभिनव सबसे कम उम्र में ‘अर्जुन अवॉर्ड’ और ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ (पहले राजीव गांधी) पाने वाले खिलाड़ी हैं। इस खास अवसर पर आपको रूबरू कराते हैं उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से…

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का जीवन परिचय

अभिनव बिंद्रा का जन्म 28 सितंबर, 1982 को उत्तराखंड राज्य के देहरादून में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता अपजित बिंद्रा, जो एक व्यवसायी हैं। अभिनव की माता का नाम बबली बिंद्रा हैं। बिंद्रा की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के कुलीन डॉन स्कूल में हुईं। बाद में वह सेंट स्टीफन स्कूल, चंडीगढ़ में अध्ययन के लिए चले गए। साल 2000 में अभिनव ने अपनी हाईस्कूल की शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने कोलोराडो विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की।

बिंद्रा जब दून स्कूल में थे तब कुछ खेलों में उन्हें भाग लेना जरूरी था, उन्होंने इच्छा न होते हुए भी शूटिंग में भाग लिया। बाद में उन्हें इस खेल से लगाव हो गया। उनके पिता ने पंजाब के पटियाला में अपने घर पर ही एक इनडोर शूटिंग रेंज बनवा दी थी। उन्होंने शुरु में डॉ. अमित भट्टाचार्य और बाद में लेफ्टिनेंट कर्नल ढिल्लो से प्रशिक्षण लिया।

Abhinav-Bindra

राष्ट्रमंडल खेलों मे सबसे कम उम्र के प्रतियोगी रहे

प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा 15 साल की उम्र में वर्ष 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों मे सबसे कम उम्र में प्रतियोगी रहे। वह साल 2000 आयोजित सिडनी ओलंपिक में सबसे युवा भारतीय थे। हालांकि, अभिनव सुर्खियों में तब आए, जब उन्होंने वर्ष 2001 में म्यूनिख विश्व कप में 597/600 के नए जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। उन्होंने वर्ष 2001 में ही विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 6 स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने साल 2002 में मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम्स में एयर राइफल इवेंट और युगल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा बिंद्रा ने व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक भी जीता था।

Abhinav-Bindra-

एथेंस ओलंपिक में रिकॉर्ड प्रदर्शन के बावजूद पदक से चूके

साल 2004 के एथेंस ओलम्पिक में अभिनव ब्रिंदा ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया, बावजूद इसके वह पदक जीतने से चूक गए। उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में 597 अंक हासिल किए थे। लेकिन फाइनल में अभिनव अपना प्रदर्शन दोहरा न सके। वर्ष 2008 में बीजिंग ओलंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर स्वर्णिम इतिहास रच दिया था। उन्हें ओलम्पिक में व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त हुआ। यही नहीं वर्ष 1980 के बाद भारत को ओलम्पिक में स्वर्ण पदक मिला, इस वर्ष पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था।

उन्होंने साल 2006 की आईएसएसएफ विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने वर्ष 2014 में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। अभिनव बिंद्रा ने वर्ष 2002, वर्ष 2006 तथा साल 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। वह वर्ष 2010 से 2014 तक आईएसएसएफ एथलीट समिति के सदस्य और वर्ष 2014 से साल 2018 तक चेयरमैन पद पर भी रहे।

Abhinav-Bindra

कई बड़े पुरस्कार व सम्मानों से नवाजे गए

ओलंपिक मेडलिस्ट निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को साल 2000 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ और वर्ष 2001 में खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार ‘खेल रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें साल 2009 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। अभिनव बिंद्रा निशानेबाजी के सर्वोच्च सम्मान ‘द ब्लू क्रॉस’ अवॉर्ड से भी सम्मानित हैं। उन्हें यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल संघ (आईएसएसएफ) द्वारा प्रदान किया गया, जो उन्हें उनके खेल के प्रति समर्पण व उच्च प्रदर्शन पर प्रदान किया गया। यह सम्मान पाने वाले बिंद्रा पहले भारतीय भी हैं।

अभिनव को जनवरी 2016 में ‘प्रेसिडेंट्स बटन’ और ‘डिप्लोमा ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक में वह अपने दूसरे ओलंपिक पदक जीतने से चूक गए, जिसके बाद अभिनव बिंद्रा ने 33 साल की उम्र में शूटिंग से रिटायरमेंट ले लिया।

Read: शोएब अख्तर की गेंद पर छक्का जड़कर हर तरफ छा गए थे लक्ष्मीपति बालाजी

COMMENT