वैश्विक महामारी के दौर में जिन लोगों के पास अभी तक भी खुद का आधार कार्ड नहीं है, उन्हें किसी काम के लिए इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। कोरोना काल में देश में कोई भी संस्था किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड न होने की स्थिति में काम करने से मना नहीं कर सकती है। केंद्र सरकार की एजेंसी और आधार कार्ड बनाने वाली भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने शनिवार को इस बात की घोषणा की। यूआईडीएआई ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है या फिर किसी कारण से ऑनलाइन सत्यापन नहीं हो पा रहा है तो संबंधित एजेंसी या डिपार्टमेंट को आधार कानून 2016 के सेक्शन 7 के तहत उनका काम पूरा करना होगा। काम से संबंधित कंपनी या एजेंसी उसे आधार न होने की वजह से रोक नहीं सकती।
टीका पंजीयन के लिए दूसरे दस्तावेज कर सकते हैं इस्तेमाल
गौरतलब है कि आधार कार्ड कोरोना वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक फोटो पहचान-पत्रों में से एक है, लेकिन कई अन्य दस्तावेज हैं जिनका उपयोग आधार कार्ड न होने पर किया जा सकता है। कोरोना वैक्सीन के लिए पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार का स्वास्थ्य बीमा कार्ड, पेंशन दस्तावेज भी मान्य हैं। इनमें से कोई भी दस्तावेज का इस्तेमाल टीका पंजीयन के लिए किया जा सकता है। इसके इतर, हाल में केंद्र सरकार ने एक एसओपी जारी की है, जिसमें सरकार ने फोटो पहचान पत्र के बिना टीकाकरण के लिए लोगों के कई समूहों की पहचान की है। लोगों के ऐसे समूहों में खानाबदोश (विभिन्न धर्मों के साधु/संत सहित), जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोग शामिल हैं। केंद्र सरकार की ऐसे सभी लोगों को टीका लगाने की योजना है, जिनके पास फोटो पहचान-पत्र नहीं है।
आधार कार्ड नहीं होने से लोगों को हो रही थी परेशानी
बता दें कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकारी और प्राइवेट संस्था आधार कार्ड नहीं होने पर व्यक्ति या परिवार को लाभ से वंचित कर देते हैं। ऐसे में इन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालिया दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें आधार कार्ड नहीं होने पर लोगों का वापस लौटा दिया गया। इसमें अस्पताल में मरीज की भर्ती का मामला हो या फिर किसी एजेंसी द्वारा स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत इलाज की सुविधा मुहैया करवाने के मसले शामिल हैं। मालूम हो कि राशन और पेंशन जैसी सुविधा के लिए भी आधार कार्ड का होना जरूरी नहीं है। इधर, अब यूआईडीएआई ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना संबंधित किसी काम के लिए लोगों के पास आधार का होना अनिवार्य नहीं है। इससे कई लोगों को राहत मिलेगी।
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