एक रिकॉर्ड जो एशियाई टीमें नहीं बना पाई, जिसे श्रीलंका ने बनाकर इतिहास रचा

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कहते है क्रिकेट अनिश्चितताओं वाला खेल है यानि कब किसकी जीत हार में बदल जाए। ऐसा ही हुआ दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बीच चल रहे टेस्ट मैच में। किसने नहीं सोचा की श्रीलंकाई टीम आखिर विकेट के लिए इतनी बड़ी साझेदारी करके मैच अपनी झोली में डाल लेगी। पर ऐसा ही हुआ है इस मैच में जिसके हीरो रहे मैन ऑफ द मैच कुसल परेरा। जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी नाबाद 153 रन खेली और विश्वा फर्नाडो (नाबाद 06) के साथ आखिरी विकेट के लिए 78 रन जोड़कर मैच ​जीताने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्रीलंकाई टीम की हालत तब खराब हो गई जब 226 के स्कोर पर अपने 9 विकेट गंवा कर जीत की उम्मीद खो दी थी। ऐसी स्थिति में यह साफ नजर आ रहा था कि टीम जल्द ही पवैलियन लौट जाएगी और टीम हार जायेगी। लेकिन कुसल परेरा के दिमाग में तो कुछ ओर ही चल रहा था और अपने इरादों पर हताशा हावी नहीं होने दी और आखिरी विकेट के रहते टीम को जीत दिला दी। खुद श्रीलंकाई कोच को ये उम्मीद नहीं थी कि वे ये मैच जीतने जा रहे हैं। मेहमान टीम दो मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो गई है।

श्रीलंका ने पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका को एक विकेट से हरा कर एक नया ही कीर्तिमान रच दिया। इस तरह से टेस्ट मैच की चौथी पारी में 300 से अधिक रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम ने अब तक दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जीत हासिल करने वाली श्रीलंका पहली एशियाई टीम बन गई।

यही नहीं 28 वर्षीय कुसल परेरा दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट की चौथी पारी में शतक लगाने वाले पहले एशियाई क्रिकेटर बन गए। साथ ही वह श्रीलंका की ओर से दक्षिण अफ्रीका में शतक जड़ने वाले चौथे श्रीलंकाई क्रिकेटर भी बन गये हैं।

मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 235 रन बनाए थे जिसके जबाव में श्रीलंकाई टीम ने अपनी पहली पारी में 191 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और दक्षिण अफ्रीका को 44 रन की बढ़त हासिल हुई थी।

वहीं दक्षिण अफ्रीका ने फिर दूसरी पारी में 259 रन का स्कोर बनाया और श्रीलंका के सामने जीत के लिए 304 रनों का लक्ष्य रखा। जिसे मेहमान टीम ने एक विकेट शेष रहते हासिल कर लिया।

श्रीलंका की टीम एक समय 226 के स्कोर पर नौ विकेट गंवाकर हार के कगार पर खड़ी थी और दक्षिण अफ्रीका को यहां से मैच जीतने के लिए केवल एक विकेट झटकना था लेकिन परेरा ने यहां से और कोई विकेट नहीं गिरने दिया। उन्होंने अपनी संघर्षपूर्ण पारी के दम पर श्रीलंका को रोमांचक जीत दिला दी।

श्रीलंका ने 85.3 ओवर में एक विकेट शेष रहते 304 रन का स्कोर बनाकर दक्षिण अफ्रीका के मुंह से जीत छीन ली। परेरा ने 200 गेंदों का सामना किया जिसमें उन्होंने 12 चौके और पांच छक्के जड़े। परेरा का यह दूसरा शतक है। उन्होंने इससे पहले 2016 में हरारे में जिंबाब्वे के खिलाफ 110 रन की शतकीय पारी खेली थी। दक्षिण अफ्रीका की ओर से लेफ्ट आर्म स्पिनर केशव महाराज ने सर्वाधिक तीन विकेट चटकाए।

ये रही उनके नाम उपलब्धियां —

श्रीलंकाई ​क्रिकेट खिलाड़ी 28 वर्षीय कुसल परेरा दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच की चौथी पारी में शतक लगाने वाले पहले एशियाई क्रिकेटर बन गए।

300 से अधिक रन का लक्ष्य सेना (SENA) (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में टेस्ट मैच की चौथी पारी में हासिल करने वाली पहली एशियाई टीम बन गई श्रीलंका।

01 विकेट से श्रीलंका को मिली जीत टेस्ट इतिहास में इस तरह की 13वीं जीत है। 2010 में भारत ने मोहाली में एक विकेट से ऑस्ट्रेलिया को हराया था और इसके बाद पहली बार किसी टीम को इस तरह से पहली जीत हासिल हुई।

10वें विकेट के लिए श्रीलंका की 78 रनों की नाबाद साझेदारी टेस्ट में चौथी पारी में जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले इंजमाम और मुश्ताक अहमद ने 1996 में कराची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 57 रनों की नाबाद साझेदारी की थी।

153 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले कुसल परेरा विदेशों में टेस्ट मैच में जीत हासिल करते हुए चौथी पारी में सर्वश्रेष्ठ स्कोर करने के मामले में दूसरे एशियाई बल्लेबाज बने। उनसे आगे यूनुस खान (नाबाद 171) और तीसरे नंबर पर शान मसूद (125) है।

भारत ने भी जीता चौथी पारी में मैच, जीत के हीरो थे लक्ष्मण

वर्ष 2010 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय दौर पर थी। मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे इस मैच में भारत को कंगारुओं ने 216 रनों का लक्ष्य दिया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम महज 124 रन के स्कोर पर 8 विकेट खो चुकी थी। उस समय क्रीज पर बल्लेबाजी करने ईशांत शर्मा आए, जिन्होंने वीवीएस लक्ष्मण के साथ 81 रन की साझेदारी की।
लेकिन 205 के कुल स्कोर पर हैलिफिनहस ने LBW कर ईशांत को वापस चलता किया।

मैदान पर आखिरी बल्लेबाज के रूप में प्रज्ञान ओझा उतरे। ओझा ने मिशेल जॉनसन और हैलिफिनहस की खतरनाक गेंदों का बड़ा मुश्किल से सामना किया। एक समय ऐसा भी आया था जब ओझा के लिए LBW आउट की अपील की गई, लेकिन इसी गेंद पर 4 रन ओवर थ्रो की बदौलत मिले और अंत में भारत 1 विकेट से जीत गया।

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