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देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने राम देव इंटरनेशनल एवं उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 411 करोड़ रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। बैंक ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के समक्ष दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी और उसके प्रवर्तकों ने छह बैंकों के एक समूह के साथ यह धोखाधड़ी की। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने हाल में कंपनी और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि स्टेट बैंक द्वारा शिकायत दर्ज कराने से पहले ही कंपनी के तीन प्रवर्तक देश छोड़कर फरार हो चुके थे।
देश के सबसे बड़े बैंक को 173 करोड़ का नुकसान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश के सबसे बड़े बैंक को 173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह कंपनी पश्चिम एशियाई और यूरोपीय देशों को बासमती चावल निर्यात करती है। एसबीआई ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी के तीन राइस मिलिंग प्लांट्स हैं। इनके अलावा हरियाणा के करनाल जिले में आठ सॉर्टिंग और ग्रेडिंग यूनिट्स हैं। इसके अलावा सऊदी अरब और दुबई में भी दफ्तर हैं। अधिकारियों ने बताया है कि एसबीआई के अलावा बैंकों के इस समूह में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं।
आरोपियों को सम्मन करने की प्रक्रिया शुरू करेगी एजेंसी
अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण इस मामले में अब तक कोई तलाशी नहीं की है। उन्होंने कहा है कि एजेंसी आरोपियों को सम्मन करने की प्रक्रिया शुरू करेगी और जांच में सहयोग नहीं करने पर उनके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी। एसबीआई की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, कंपनी का अकाउंट 27 जनवरी, 2016 को एनपीए में तब्दील हो गया था।
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बैंकों ने अगस्त और अक्टूबर में संयुक्त रूप से संपत्तियों का निरीक्षण किया।अधिकारियों ने बताया कि एसबीआई की ओर से 25 फरवरी, 2020 को दर्ज़ कराई गई शिकायत में कहा गया है, ‘जांच में यह बात सामने आई कि कर्ज़दार फ़रार हैं और देश छोड़कर भाग गए हैं।’