भारत से संचालित होने वाली अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक उड़ानों पर रोक बढ़ा दी गई है। सोमवार को नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा कि आगामी आदेश तक यह रोक जारी रहेगी। हालांकि इससे बबल समझौते के जारी उड़ानों व एयर कार्गो सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। डीजीसीए ने कहा कि इस संबंध में 26 नवंबर 2021 को जारी आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है। कोरोना महामारी के चलते देश से व्यावसायिक उड़ानों पर पाबंदी लगाई गई थी।
दिसंबर से उड़ानों को फिर से शुरू करने का किया था ऐलान
आपको बता दें कि इससे पहले 19 जनवरी को केंद्र सरकार ने नियमित अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक उड़ानों पर प्रतिबंध को 28 फरवरी 2022 तक बढ़ा दिया था। यह प्रतिबंध DGCA से मंजूरी प्राप्त अंतरराष्ट्रीय कार्गो संचालन और उड़ानों पर लागू नहीं होगा। इसके पूर्व भारत ने कुछ शर्तों के साथ 15 दिसंबर 2021 से अधिसूचित वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन ओमिक्रॉन लहर के कारण इसे टाल दिया गया था। दिसंबर 2021 में जारी की गई अधिसूचना में डीजीसीए ने कहा था कि इन उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जनवरी, 2022 तक रहेगा।
द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के तहत जारी रहेंगी उड़ानें
कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद 23 मार्च, 2020 से भारत में अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, उनके साथ गठित एयर बबल व्यवस्था के तहत जुलाई 2020 से भारत और लगभग 45 देशों के बीच विशेष यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं। द्विपक्षीय एयर बबल समझौते में दोनों देशों की एयरलाइंस कुछ प्रतिबंधों के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित कर सकती हैं। यह समझौता नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने पर कमर्शियल पैसेंजर सर्विस को दोबारा शुरू करने के लिए दो देशों द्वारा किया जाता है। फिलहाल इस समझौते के तहत चल रही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जारी रहेंगी।
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