भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ ने बुधवार को जमीन से जमीन पर मार करने की क्षमता वाली अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टेस्ट ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप पर किया गया। आपको बता दें कि अग्नि-5 मिसाइल में तीन स्टेज में संचालित होने वाला सॉलिड फ्यूल इंजन लगा हुआ है। स्वेदशी बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की सटीक मारक क्षमता 5000 किलोमीटर तक है।
डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स ने तैयार की मिसाइल
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट अब्दुल कलाम द्वीप पर शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हुआ। अग्नि श्रृंखला की इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने साथ मिलकर विकसित किया है। कई रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जाता है कि नई अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता पांच हजार से 8,000 किलोमीटर तक है। मालूम हो कि इसकी सही रेंज के बारे में सरकार कुछ भी खुलासा नहीं करती।
पहले साल 2020 में होना था अग्नि-5 का टेस्ट
गौरतलब है कि अग्नि-5 मिसाइल का यह टेस्ट पहले साल 2020 में होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स के जरिए किए जाने की भी रिपोर्ट्स है।
जून में अग्नि प्राइम का टेस्ट कर चुका है डीआरडीओ
डीआरडीओ इससे पहले जून 2021 में अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण कर चुका था। अग्नि प्राइम मिसाइल को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर से अधिक रेंज की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकी को मिलाकर तैयार किया गया है। जानकारी के अनुसार, अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किमी है। सबसे ख़ास बात ये है कि मिसाइल अत्याधुनिक साजो-सामान से सुसज्जित है, जो इस मिसाइल को और घातक बनाते हैं।
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