उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी विस्थापितों के लिए लांच की वेबसाइट, ​कश्मीरी पंडितों को मिलेगी ये सुविधा

Views : 1402  |  3 minutes read
Portel-for-Kashmiri-Migrants

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कश्मीरी विस्थापितों के लिए श्रीनगर में एक वेबसाइट लांच की। इस ऑनलाइन पोर्टल पर कश्मीरी विस्थापित अपनी जमीन और अन्य अचल संपत्तियों से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे। उप-राज्यपाल सिन्हा ने बताया कि पोर्टल का औपचारिक शुभारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे दो सप्ताह पहले एक वेब लिंक के जरिए शुरू किया गया। हमें इस पोर्टल पर अब तक 745 शिकायतें मिल चुकी हैं। सरकार चाहती है कि मातृभूमि पर लौटने के इच्छुक कश्मीरी विस्थापितों का यह सपना साकार किया जाए।

शिकायत पर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट करेंगे उचित कार्यवाही

आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस ऑनलाइन पोर्टल के जरिए कश्मीरी विस्थापित अपनी अचल व सामुदायिक संपत्ति से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे। पोर्टल पर आवेदन करने के बाद एक यूनिक आईडी जेनरेट हो जाएगी। इसके बाद आवेदन उचित कार्यवाही के लिए स्वत: ही संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के पास पहुंच जाएगा। इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू से 0191-2586218, 0191-2585458 पर संपर्क किया जा सकता है।

विस्थापितों की ससम्मान घर वापसी को लेकर सरकार प्रतिबद्ध

मालूम हो​ कि सरकार कश्मीरी विस्थापितों की ससम्मान घर वापसी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की कई बात कई बार कह चुकी है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी में वापसी के इच्छुक परिवारों के लिए पंजीकरण को जरूरी बताते हुए संबंधित विभागों को पंजीकरण व्यवस्था के निर्देश दिए थे। जम्मू समेत देश और विदेशों में बसे कश्मीरी विस्थापित राहत एवं पुनर्वास विभाग के पास ऑनलाइन पंजीकरण भी करवा सकेंगे।

विस्थापित कर्मचारियों के लिए घाटी में बन रहे ट्रांजिट आवास

जानकारी के अनुसार, कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए छह हजार ट्रांजिट आवासों का निर्माण करवाया जा रहा है। एलजी मनोज सिन्हा पहले ही कह चुके हैं कि इन आवासों का निर्माण समय पर पूरा करने की प्रक्रिया के बीच किसी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुल छह हजार ट्रांजिट आवास में से कुलगाम में 208, बडगाम में 96, गांदरबल, शोपियां, बांदीपोरा, बारामुला, कुपवाड़ा में 1200, जबकि सात अन्य स्थानों पर 2744 आवास तैयार किए जाने हैं। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत कश्मीरी विस्थापितों की मतदाता सूचियों को दुुरुस्त करने का काम भी शुरू हो चुका है।

भू-राजस्व में देवता के नाम ही रहेगी सम्पत्ति, पुजारी मंदिर का मालिक नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट

COMMENT