संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यानि यूनेस्को ने गुजरात राज्य में स्थित पुरातत्व स्थल धोलावीरा को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है। देशवासियों के लिए बड़ी खुशी बात ये है कि तेलंगाना के वारंगल के पालमपेट में रामप्पा मंदिर के बाद इस महीने विश्व विरासत सूची में शामिल होने वाला यह दूसरा स्थल है। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘इस खबर से बहुत खुशी हुई। धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और हमारे अतीत के साथ हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। विशेष रूप से इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए यह एक यात्रा अवश्य है।’
भारत विश्व धरोहर स्थलों के सुपर-40 क्लब में शामिल
यूनेस्को ने कहा कि गुजरात के हड़प्पा युग के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का टैग प्रदान किया गया है। संगठन ने ट्वीट करके इसके लिए बधाई भी दी। इसके अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी भारतीयों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘सभी भारतीयों के साथ यह बात साझा करने में बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि धोलावीरा को यूनेस्को के विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिली है। अब हम विश्व धरोहर स्थलों के सुपर-40 क्लब में प्रवेश कर गए हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन भारत के लिए, खासकर गुजरात के लोगों के लिए गर्व का दिन है। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि साल 2014 के बाद से भारत ने 10 नए विश्व धरोहर स्थल जोड़े हैं। यह भारतीय संस्कृति, विरासत और भारतीय जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गुजरात के अब तक चार स्थल वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित
बता दें कि गुजरात राज्य में अब धोलावीरा, पावागढ़ के पास चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद समेत चार विश्व धरोहर स्थल हो गए हैं। यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र के दौरान धोलावीरा और रामप्पा मंदिर को सूची में शामिल किया गया था। विश्व धरोहर समिति के इस सत्र की अध्यक्षता चीन के फ़ूज़ाउ शहर से हो रही है और इसे ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। मालूम हो कि यह सत्र 16 जुलाई से शुरू हुआ और 31 जुलाई को समाप्त होगा। इसके 44वें सत्र में इस कार्य और पिछले साल के मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल इसके सत्र को स्थगित कर दिया गया था।
कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए सभी बच्चों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले: सुप्रीम कोर्ट