केंद्र सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी दी है। दरअसल, सरकार ने पाम तेल सहित विभिन्न खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन तक की कमी कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में कमी आ सकती हैं। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानि सीबीआईसी ने अधिसूचना जारी कर कच्चे पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 86 डॉलर प्रति टन और आरबीडी (रिफाइंड, ब्लीच्ड एंड डियोडराइज्ड) एवं कच्चे पामोलिन के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन की कटौती की है। माना जा रहा है कि यह आम जनता को राहत देने का काम करेगी।
खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर हो रहा काम
आपको बता दें कि भारत सरकार खाद्य तेलों की कीमत घटाने के लिए स्थायी निदान पर काम कर रही है। केंद्र सरकार ने कहा है कि खाद्य तेलों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अभी जरूरत का 70 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करना पड़ता है, जिस पर वैश्विक कीमतों का सीधा असर पड़ता है। अगर घरेलू बाजार में तेल के दाम नीचे रखने हैं, तो देश में तिलहन उत्पादन को लंबे समय तक लगातार बढ़ावा देना होगा। गौरतलब है कि अमेरिका और ब्राजील में सूखे की वजह से सोयाबीन की खेती पर काफी असर पड़ा है, जिससे आपूर्ति घटने के कारण भी खाद्य तेलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञ ने कहा, जल्द ही कम हो सकती हैं कीमतें
कर विशेषज्ञों का कहना है कि शुल्क मूल्य में कटौती से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती हैं, क्योंकि मूल आयात मूल्य पर देय सीमा शुल्क कम में इससे कमी होगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 37 डॉलर प्रति टन कटौती की है। देश में खाद्य तेल के आयात शुल्क मूल्य में यह कटौती 17 जून, 2021 से प्रभाव में आ गई। आपको बता दें कि देश खाद्य तेलों की दो तिहाई मांग की पूर्ति आयात से होती है। पिछले एक साल में खाद्य तेलों के दाम तेजी से बढ़े हैं।
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