कोरोना महामारी को हराने के लिए टीकाकरण को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, लेकिन देशभर में कोविड वैक्सीन की किल्लत के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। इस स्थिति को देखते हुए टीकाकरण नीति पर फिर से विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, सरकार चाहती है कि कुछ श्रेणियों के लोग अपनी टीकाकरण योजना को टाल दें। वैक्सीन की कमी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नियमों में कुछ चुनिंदा श्रेणियों के लोगों से कोविड-19 वैक्सीन खुराक लेने की योजना को स्थगित करने का आह्वान किया गया है।
कोरोना से स्वस्थ हो चुके लोग न लगवाएं टीका
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन लोगों को तीन माह की देरी से टीकाकरण कराने की सलाह दी, जो कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं, उनमें कुछ महीनों के लिए सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है। ऐसे लोगों को तत्काल टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जिन लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी, उन्हें भी अस्पताल से छुट्टी मिलने की तारीख से तीन महीने के लिए अपनी टीका लगावाने की योजना को स्थगित कर देना चाहिए।
जो पहली खुराक लेने के बाद संक्रमित हो गए हों
कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद कई लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए। सरकार ने ऐसे लोगों को टीकाकरण के तहत अपनी दूसरी खुराक को तीन महीने तक टालने की सलाह दी है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऐसे लोग कोविड-19 से पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही टीका लगवाएं।
गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग देरी से लगवाएं टीका
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हैं पर उन्हें अन्य गंभीर बीमारी है या उन्हें अस्पताल में भर्ती होने या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता है, ऐसे लोगों को भी कोरोना टीका लेने से पहले चार से आठ सप्ताह तक इंतजार करना चाहिए। सरकार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना टीका लगवाने के या इससे संक्रमित होने पर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता है।
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