भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने एमसीएलआर और एफडी में कटौती का ऐलान किया है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड ब्याज दर यानी एमसीएलआर में कटौती की है। एसबीआई की इस कटौती के बाद एक साल का एमसीएलआर 7.40 फीसदी से घटकर 7.25 फीसदी पर आ गया है। जानकारी के अनुसार, इसमें 15 आधार अंकों की कमी की गई, जिसका ग्राहकों को काफी फायदा मिलेगा। कटौती के ऐलान के बाद अब एमसीएलआर की नई दरें 10 मई, 2020 से लागू हो जाएंगी।
एसबीआई ने 12वीं बार एमसीएलआर में कटौती की
गौरतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष में एसबीआई ने लगातार 12वीं बार एमसीएलआर में कटौती की है। इससे उसके ग्राहकों को काफी फायदा होगा। क्योंकि उसके ग्राहकों की होम लोन की ईएमआई में कमी आ जाएगी। हालांकि, अगर किसी ग्राहका का होम लोन एसबीआई की एमसीएलआर दर से जुड़ा है, तो नई कटौती उसके ईएमआई को तुरंत नीचे नहीं ला सकती है, क्योंकि एमसीएलआर आधारित कर्ज में आमतौर पर एक साल का रीसेट क्लॉज होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एमसीएलआर दरें बैंक की अपनी लागत पर आधारित होती है।
एसबीआई ने एफडी रेट में भी किया बदलाव
एमसीएलआर के अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती कर दी है। दो करोड़ रुपए से कम फिक्स्ड डिपॉजिट पर एसबीआई ने यह घोषणा की है। नई दरें 12 मई से लागू होंगी। तीन साल की अवधि के खुदरा टर्म डिपॉजिट पर अब 20 आधार अंक कम ब्याज मिलेगा। बता दें, दो महीनों में दूसरी बार इसमें कटौती की गई है।
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सीनियर सिटीजन के लिए ‘एसबीआई वीकेयर डिपॉजिट’ शुरू
भारतीय स्टेट बैंक ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘एसबीआई वीकेयर डिपॉजिट’ स्कीम की शुरुआत भी की है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को पांच साल या उससे ज्यादा की अवधि पर जमा करने पर 30 आधार अंकों का एक्स्ट्रा प्रीमियम इंट्रेस्ट मिलेगा। एसबीआई की यह स्कीम 30 सितंबर, 2020 तक जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि बैकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल, 2016 से देश में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग के आधार पर एमसीएलआर की शुरुआत की थी। उससे पहले सभी बैंक आधार दर के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय किया करते थे।