प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को संबोधन से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि देश में लॉकडाउन और बढ़ाया जाएगा। जोकि 19 दिनों के लिए बढ़ाया भी गया है। लेकिन बहुत से लोगों में इस बात की हैरानी है कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने 19 दिन का लॉकडाउन किस हिसाब से लागू किया। मतलब ना तो ये तीन हफ्ते हैं, ना ही दो हफ्ते, ना ही महीना खत्म होने का दिन है। सभी इस बात से हैरान हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिर 3 मई का दिन ही क्यों चुना? 30 अप्रैल क्यों नहीं? या फिर 5 मई का दिन क्यों नहीं? ऐसे में आइए समझते हैं पीएम मोदी के 3 मई का दिन चुनने के पीछे का पूरा गणित..
3 मई तक का फैसला केंद्र नहीं राज्यों का
केंद्र सरकार के सूत्रों से मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का फैसला केंद्र सरकार नहीं, बल्कि राज्यों का है। पीएम मोदी को राज्यों ने ही सुझाया था कि इसे तीन मई तक बढ़ाया जाए। केंद्र सरकार तो लॉकडाउन अप्रैल के अंत तक ही बढ़ाने वाली थी, लेकिन 1 मई को विश्व मजदूर दिवस की छुट्टी है, उसके बाद 2 मई शनिवार और 3 मई रविवार को वीकेंड की छुट्टी। ऐसे में राज्यों ने प्रधानमंत्री को लॉकडाउन को तीन दिन आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।
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अब बहुत से लोगों का यह भी तर्क हो सकता है कि आखिर 3 दिन में ऐसा क्या हो जाएगा, जो पिछले 21 दिनों में नहीं हुआ या फिर जो आने वाले 16 दिनों में नहीं हो सकता। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में इसके लक्षण दिखने में 7-14 दिन का समय लग जाता है। ऐसे में अगर इन 16 दिनों में 3 दिन और जुड़ने से लॉकडाउन का समय 19 दिन हो जाता है, जिसमें कोरोना वायरस की तस्वीर और साफ हो सकती है। 3 मई को लॉकडाउन 2 पूरा होने के बाद सरकार नए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।