दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला है, जिसके सीईओ एलन मस्क है। एलन मस्क की ही कंपनी स्पेसएक्स जल्द ही इतिहास रचने वाली है और यह पहली निजी कंपनी होगी, जो अपने क्रू ड्रैगन यान से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाएगी। इसकी जानकारी नासा ने खुद ट्वीट कर दी है। इस तरह स्पेसएक्स पहली निजी कंपनी होगी जो व्यावसायिक रूप से अंतरिक्ष की सैर कराएगी।
Welcome to Florida, #CrewDragon! 🐉
This @SpaceX spacecraft has arrived at the launch site for its first crew mission: https://t.co/9VVzpUgHxU pic.twitter.com/mUj3iFYE4u
— NASA Commercial Crew (@Commercial_Crew) February 15, 2020
अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने इसकी घोषणा की है। नासा के इस ऐलान से विमान निर्माता कंपनी बोइंग की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर यात्रियों की ले जाने की योजना को करारा झटका लगा है। नासा ने इसका निर्णय तब लिया जब स्पेसएक्स के यान ने अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले क्रू ड्रैगन कैप्सूल ने परीक्षण सफलता पूर्वक पूरा कर किया।
क्रू ड्रैगन दिखाई अंतरिक्ष में नई राह
फ्लोरिडा स्थित जॉन एफ कैनेडी स्पेस सेंटर पर जनवरी महीने में अंतरिक्ष में यात्रियों को ले जाने संबंधी परीक्षण किए गए। जिसमें क्रू ड्रैगन ने परीक्षण के दौरान अपने मिशन में उत्पन्न जानूबझकर खराब रॉकेट से बाधा को सफलतापूर्वक पार किया। इसमें क्रू ड्रैगन को फॉल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। करीब 16 किमी की ऊंचाई पर जाने के बाद फॉल्कन-9 रॉकेट के इंजन बंद कर दिए गए थे। इतनी ऊंचाई से गिरने में उसे महज नौ मिनट लगे। क्रू ड्रैगन चार पैराशूट की मदद से अटलांटिक महासागर में उतरा।
Crew Dragon completes acoustic testing in Florida pic.twitter.com/SbvmEvZLeZ
— SpaceX (@SpaceX) February 17, 2020
स्पेसएक्स अब तक कई परीक्षण पूरे कर चुका है। जिनमें स्पेसएक्स के डेमो-2 अंतरिक्षयात्री के लिए फाल्कन 9 बूस्टर बी1058, एक फॉल्कन ऊपरी चरण, क्रू ड्रैगन कैप्सूल सी 206 और एक क्रू ड्रैगन को ले जाने वाला ट्रंक के परीक्षणों पूरा किया गया। अब यह केप केनवरल से उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है।
वहीं स्पेसएक्स के विपरीत दिसंबर महीने में परीक्षण के दौरान बोइंग को अपने अंतरिक्ष यान का कक्षा में उड़ान का परीक्षण रोकना पड़ा। रॉकेट के साथ द स्टारलाइनर नाम के कैप्सूल को लगाया गया था। द स्टारलाइनर को अमरीका के फ्लोरिडा से एटलस रॉकेट के साथ सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था, लेकिन कुछ तकनीकी खामी आने की वजह से यह कैप्सूल स्टेशन के तय रास्ते से भटकने लगा। इससे मिशन को पूरा करने के लिए ईंधन में कमी आ सकती थी।
मंगल पर 10 लाख लोगों को पहुंचाना लक्ष्य
अमेरिकी बिजनेस मैन और टेस्ला के सीईओ ने जनवरी घोषणा कर कहा था कि उन्होंने वर्ष 2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल पर भेजने का लक्ष्य बनाया है। उनका रॉकेट लाल ग्रह के लिए हर साल कई मेगाटन कार्गो ले जाएगा, इससे कुछ साल में इंसानों की मौजूदगी के लिए मंगल ग्रह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।