हाल में ‘संविधान’ शब्द भारत में काफी चर्चा रहा है और विशेष कर वर्तमान मोदी सरकार के खिलाफ ‘संविधान बचाओ’ के रूप में खूब इस्तेमाल हो रहा है। इस शब्द को मंगलवार 28 जनवरी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) ने वर्ष 2019 का सर्वश्रेष्ठ ऑक्सफोर्ड हिंदी शब्द घोषित किया है। ऑक्सफोर्ड के अनुसार 2019 में लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म, न्याय, आजादी, समानता और आपसी भाईचारे की कसौटियों को संविधान के आधार पर मापा गया है।
हर बार की तरह इस साल भी ऑक्सफोर्ड हिंदी शब्द पिछले साल देश में लोगों के मूड और माहौल को दर्शाता है। ओयूपी के अनुसार, ‘संविधान का मतलब लोकतांत्रिक सिद्धांतों की एक ऐसी संस्था है, जिसके मुताबिक स्टेट या संगठन को शासन करने की अनुमति मिलती है।’ वहीं सर्वश्रेष्ठ हिंदी शब्द के रूप में वर्ष 2018 में ‘नारी शक्ति’ को इस खिताब के लिए चुना गया था।
‘संविधान’ इन कारणों से रहा चर्चा में
इस वर्ष का ऑक्सफोर्ड हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर के खिताब के लिए चुने गए शब्द ‘संविधान’ पहली बार चर्चा में अगस्त, 2019 में आया। इस महीने की 5 तारीख को जम्मू व कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 व अनुच्छेद 35ए को भारतीय संसद ने हटा दिया था। इससे जम्मू—कश्मीर को मिल रहे विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया। सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसलों में भी संविधान का जिक्र कई बार आया। मसलन सबरीमाला मामला, महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण और कर्नाटक में 17 विधायकों की सदस्यता रद्द करना।
इस तरह होता है शब्द का चयन
कृतिका अग्रवाल के अनुसार, ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज के हिंदी भाषा चैंपियन, 2019 के लिए हिंदी वर्ड ऑफ़ द ईयर एक उचित विकल्प है, जो आम जनता के मूड को दर्शाता है, साथ ही निर्णय लेने वालों का ध्यान … 2019 में, संविधान एक शैक्षिणक अवधारणा के रूप में सही समय पर आंदोलन में बदला है।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी टीम ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से ऑक्सफोर्ड हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की और जिसमें सैंकड़ों प्रविष्टियां मिली। ऑक्सफोर्ड हिंदी शब्द को भारत की टीम भाषा के विशेषज्ञों के सलाहकार पैनल की मदद से चुना गया था।