किस भारतीय वित्त मंत्री के नाम दर्ज है सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड?

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भारतीय संसद में साल 2020 का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा। मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लगातार दूसरा आम बजट पेश करेंगी। किसी भी देश की सरकार के लिए आम बजट बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि बजट से देश के करोड़ों आम जनता की उम्मीदेें जुड़ी हुई होती है। बजट के द्वारा ही यह तय होता है कि देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में बढ़ेगी। बजट न केवल आमजन के लिए, बल्कि वित्त मंत्री के लिए भी बहुत अहम होता है। देश में सबसे ज्यादा बार आम बजट पेश करने का रिकॉर्ड भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज हैं।

मोरारजी देसाई के नाम दर्ज है सर्वाधिक बजट पेश का रिकॉर्ड

देश के चौथे प्रधानमंत्री बनने से पहले मोरारजी देसाई ने बतौर वित्त मंत्री 10 बार आम बजट पेश किए थे। उनके बाद वित्त मंत्री पी चिदम्बरम का नाम आता है जिन्होंने कुल आठ बार संसद में बजट पेश किया है।

मोरारजी देसाई का वित्त मंत्री के रूप में पहला कार्यकाल 13 मार्च, 1958 से 29 अगस्त, 1963 तक रहा था। उसके बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में मार्च, 1967 से जुलाई, 1969 तक एक बार फिर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

उनके द्वारा प्रस्तुत 10 बजटों में से 8 पूर्ण बजट थे जबकि दो अंतरिम बजट थे। वह ऐसे वित्त मंत्री भी रहे जब उन्होंने अपने जन्मदिन पर संसद में आम बजट पेश किया था, उन्हें यह मौका वर्ष 1964 और 1968 में मिला था। इस संयोग की वजह उनका जन्म था।

पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के वलसाड जिले के एक गांव में हुआ था। देश में पहली बार 1977 में बनी गैर-कांग्रेसी सरकार में मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने थे। वह 24 मार्च, 1977 से 28 जुलाई, 1979 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे।

सर्वाधिक बार वित्त मंत्री पद पर रहे चिदम्बरम

देश में सर्वाधिक बार वित्त मंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड पी चिदम्बरम के नाम दर्ज है। उन्होंने संसद में कुल 8 बार बजट पेश किए हैं। पी चिदंबरम पहली बार एच. डी. देवेगौड़ा की अगुवाई में बनी संयुक्त मोर्चा सरकार में एक जून, 1996 को वित्त मंत्री बने थे। वह 21 अप्रैल, 1997 तक वित्तमंत्री रहे।

दूसरी बार वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में 1 मई, 1997 से लेकर 19 मार्च, 1998 तक वित्त मंत्री रहे। इसके दौरान उन्होंने एक बार संसद में बजट पेश किया।

इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए-1 की सरकार में चिदंबरम 22 मई, 2004 से लेकर 30 नवंबर, 2008 तक वित्तमंत्री रहे। चिदंबरम चौथी बार मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए-2 की सरकार में 31 जुलाई, 2012 से लेकर 26 मई, 2014 तक वित्तमंत्री रहे।

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