भारत का ‘रुपर्ट मर्डोक’ कहे जाने वाले चेरूकुरी रामोजी राव 16 नवंबर को अपना 83वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। चेरूकुरी रामोजी राव को रामोजी राव के नाम से जाना जाता है। रामोजी राव देश के प्रमुख बिजनेसमैन और मीडिया महारथियों में से एक हैं। आपको बता दें कि वे रामोजी ग्रुप के चेयरमैन है। जिसमें रामोजी फिल्म सिटी भी शामिल है। जिसे दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो का दर्जा हासिल है। यह फिल्म सिटी पूरे 2000 एकड़ में फैली हुई है। जहां तमाम फिल्मों की शूटिंग होती है। उनके जन्मदिन के खास मौके पर आइए एक नजर डालें उनकी जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातों पर।
रामोजी राव का जन्म 16 नवम्बर 1936 को आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में एक मध्यमवर्गीय कृषक परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम शांतिलाल अदानी और मां का नाम शांताबेन अदानी था।
पत्रिका से की कॅरियर की शुरुआत
पढ़ाई खत्म करने के बाद रामोजी ने एक पत्रिका का प्रकाशन करने का फैसला किया जो पूरी तरह से किसानों पर आधारित थी। इस पत्रिका का विशाखापट्टनम से प्रकाशन शुरु कर दिया। जो किसानों को कृषि से संबधित तमाम जानकारी दिया करती थी। यह पत्रिका उस समय काफी लोकप्रिय हुई।
फिल्म निर्माण में रखा कदम
पत्रिका से मिली जबरदस्त लोकप्रियता के बाद रामोजी ने फिल्म निर्माण की तरफ रुख कर लिया। उन्होंने साल 1983 में उषाकिरणमूवीज प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की। जिसके तहत उन्होंने कई तेलुगु फिल्मों का निर्माण किया। इस बैनर तले 80 से ज्यादा विभिन्ना भाषाओं में फिल्में बनाई गई जिनमें तेलुगु, हिंदी, तमिल, मल्यालम, कन्नड, मराठी, बंगाली भाषाओं में फिल्में बनी।
रामोजी राव फिल्म सिटी
रामोजी फिल्म सिटी दुनिया का सबसे बङा फिल्म स्टूडियो परिसर माना जाता है जो आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 25 किलोमीटर दूर नल्गोंडा में स्थित है। यह स्टूडियो 2000 एकड़(8.2वर्ग किलोमीटर) से भी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस स्टूडियो में 50 शूटिंग फ्लोर है। इस स्टूडियो की शुरुआत 1996 में हुई थी। यहाँ एक साथ 15 से 25 फिल्मों की शूटिंग हो सकती है। फिल्म के प्री-प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक की तमाम सुविधाएं यहां मौजूद है। फिल्मों के अलावा यह एक शानदार टूरिस्ट स्पॉट है हर साल यहां देश-दुनिया से लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग घूमने आते हैं।
उपलब्धियां
रामोजी राव को साल 1985 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (तेलगू), 1998 में फ़िल्मफ़ेयर स्पेशल अवार्ड, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार (तेलगू), 2000 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (निर्माता), 2004 में फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 2016 में पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है।