भारत के पूर्व स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण आज अपना 48वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 1 नवंबर, 1974 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद शहर में हुआ था। लक्ष्मण के पिता डॉ. शांताराम और मां सत्यभामा विजयवाड़ा के प्रसिद्ध चिकित्सक हैं। बहुत कम लोग जानते होंगे कि लक्ष्मण भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भतीजे हैं। उनका पूरा नाम वांगिपुरप्पु वेंकट साई लक्ष्मण है। वे इनदिनों कॉमेंट्री करते नज़र आते हैं। लक्ष्मण अपने समय में अपनी ख़ास बल्लेबाजी शैली के लिए काफ़ी मशहूर थे। इस खास मौके पर जानिए वीवीएस लक्ष्मण के जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
मेडिकल की पढ़ाई छोड़ क्रिकेट में कॅरियर बनाया
वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी हाई स्कूलिंग हैदराबाद के लिटिल फ्लॉवर हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद इन्होंने स्नातक की पढ़ाई के लिए मेडिकल स्कूल ज्वॉइन किया था, लेकिन उनका मन क्रिकेट खेलने में था। इसलिए इन्होंने मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ क्रिकेट को अपना कॅरियर बना लिया। लक्ष्मण ने 16 फ़रवरी, 2004 को गुंटूर की जीआर सैलजा से शादी की। इनकी पत्नी कंप्यूटर एप्लीकेशंस में ग्रेजुएट है। इन दोनों के दो बच्चे बेटा सर्वजीत और एक बेटी अचिंत्या है।
दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ हुआ टेस्ट डेब्यू
वीवीएस लक्ष्मण ने वर्ष 1996 में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। इन्होंने अपने करीब 15 साल लंबे क्रिकेट कॅरियर में एक से बढ़कर एक शानदार पारियां खेलीं। लक्ष्मण को राहुल द्रविड़ के साथ टीम इंडिया का संकट मोचन माना जाता था। वे ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोलकाता के ईडन गार्डन में फॉलोओन खेलते हुए 281 रन की जबरदस्त पारी के दम पर जीत दिलाने के लिए जाने जाते हैं। ख़ास बात यह है कि इस टेस्ट में भारत से मिली हार के बाद आस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलोओन देना बंद कर दिया। इस मैच में फॉलोओन खेलते हुए भारत की दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण द्वारा खेली गई दोहरी शतकीय पारी ने इन्हें क्रिकेट की दुनिया में विशेष पहचान दिलाईं।
ऐसा रहा था लक्ष्मण का क्रिकेट कॅरियर
पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने भारत के लिए 134 टेस्ट मैच खेले हैं। इन्होंने टेस्ट में 17 शतक और 56 अर्धशतकों की मदद से 8781 रन बनाए। दाएं हाथ के इस कलात्मक बल्लेबाज ने 86 वनडे मैच खेले, जिसमें इन्होंने 2338 रन बनाए हैं। एकदिवसीय मैचों में इनके नाम 6 शतक और 10 हाफ़ सेंचुरी दर्ज है। वनडे में उनका उच्च स्कोर 131 रन है। लक्ष्मण का ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शानदार रिकॉर्ड रहा है।
इन्होंने टेस्ट में कुल 17 में से 6 टेस्ट शतक और 6 वनडे शतकों में से 4 शतक ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध ही लगाए हैं। एक ख़ास बात यह है कि सचिन तेंदुलकर के बाद लक्ष्मण दूसरे ऐसे बल्लेबाज हैं, जिसने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2 हजार रन बनाए हैं। इन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कई बार अपनी बेहतरीन पारी से टीम इंडिया को जीत दिलाई है।
‘पद्मश्री’ अवॉर्ड से सम्मानित हैं लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण को इनकी कठिन समय में खेली गई शानदार पारियों के कारण वेरी-वेरी स्पेशल भी कहा जाता है। कंगारु टीम के ख़िलाफ़ साल 2003-2004 की वनडे सीरीज में लगातार बेहतरीन पारियां खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर इयान चैपल ने इन्हें ये उपनाम दिया था। लक्ष्मण दुनिया के उन क्रिकेटर्स में शामिल हैं जिन्होंने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन कभी आईसीसी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए।
वर्ष 2002 में लक्ष्मण विजडन के टॉप 5 क्रिकेटर्स में चुने गए थे। वीवीएस लक्ष्मण को साल 2011 में भारत सरकार द्वारा चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2012 में लक्ष्मण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया। अब वे ज्यादातर समय कॉमेंटेटर या एक्सपर्ट के रूप में दिखते हैं। वीवीएस लक्ष्मण जूनियर टीम इंडिया और एनसीए के साथ जुड़े हुए हैं। सीनियर टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की अनुपस्थिति में इन्हें सीनियर टीम को गाइड करने का जिम्मा भी दिया जाता है।
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