स्पेशल: जिसका गूगल कर रहा बर्थडे सेलिब्रेट उस वैज्ञानिक ने रखी थी मॉर्डन सिनेमा की नींव

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Joseph Antoine Ferdinand Platteau

गूगल ने आज अपने डूडल सीरीज में उस शख्स को याद किया है जिसकी बदौलत से आज हम दुनिया में सिनेमा देख रहे हैं। आज 14 ​अक्टूबर को बेल्जियम के भौतिक विज्ञानी जोसेफ एंटोनी फर्डिनेंड प्लेटू का 218वां जन्मदिन हैं। उनके द्वारा विजुअल पर किए गए शोधों ने उन्हें फेनाकिस्टिस्कोप नामक एक उपकरण को बनाने के लिए प्रेरित किया, जिसके कारण सिनेमा का जन्म हुआ। फेनाकिस्टिस्कोप ने एक मूविंग इमेज का भ्रम पैदा किया जो मोशन पिक्चर के जन्म और विकास के लिए जरूरी था।

Josef Antoine Ferdinand

जोसेफ एंटोइन फडिनेंड प्लेटू का जन्म 14 अक्टूबर, 1801 को बेलिज्यम के ब्रसेल्स में हुआ था। जोसेफ ने लॉ की शिक्षा प्राप्त की थी, लेकिन बाद में वह भौतिकशास्त्री बन गए। उन्होंने फिजियोलॉजिकल ऑप्टिक्स में अध्ययन किया। उन्होंने विशेष रूप से मानव रेटिना पर प्रकाश और रंग के प्रभाव पर जोर दिया। इससे वह 19वीं सदी के प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के रूप में जाना जाने लगा।

ऐसे किया फेनाकिस्टोस्कोप का आविष्कार

जोसेफ ने अपने रिसर्च के माध्यम से दुनिया को बताया कि हमारी आंखों के रेटिना पर कोई प्रतिबिंब या इमेज किस तरह बनती है। जो कितनी देर रेटिना पर टिकी रहती है। आंखें कैसे उसका रंग और गहराई समझ पाती हैं। इन्ही निष्कर्षों के आधार पर उन्होंने वर्ष 1832 में एक स्ट्रोबोस्कोपिक उपकरण बनाया जिसमें दो डिस्क लगे थे। जो एक—दूजे के विपरीत दिशा में घूमते थे। एक डिस्क में समान दूरी पर छोटी खिड़कियां बनी थीं, जबकि दूसरी डिस्क में एक सीरीज में फोटो लगे थे। इन दोनों डिस्क को उचित गति पर घुमाया गया, तो वो चलचित्र गति करते हुए दिखाई देने लगे।

उन्होंने बाद में इससे ही फेनाकिस्टोस्कोप का आविष्कार किया, जो दो डिस्क से बना था। यही वह उपकरण था जिसने बाद में सिनेमा और वीडियो को जन्म दिया।

गूगल ने बनाया डिस्क की डिजाइन वाला डूडल

जोसेफ प्लेटू का यही उपकरण बाद में सिनेमा और वीडियो के आविष्कार का आधार बना। गूगल द्वारा उनके जन्मदिन पर बनाए डूडल में उसी आविष्कार को आधार बनाया है जिसमें एक डिस्क की डिजाइन को दर्शाया गया है।

बाद में जोसेफ की आंखों की रोशनी चले जाने की वजह से वह देख नहीं पाए। इन सबके बाद भी उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया था। उनके इस आविष्कार में बाद में उनके बेटे व दामाद ने उनकी मदद की।

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