जम्मू—कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके पहले 2 अगस्त को राज्यपाल द्वारा ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई थी जिसके बाद अमरनाथ यात्रा पर बीच में ही रोक लगाकर सभी यात्रियों को घाटी छोड़ने का कहा गया था। इसके घाटी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया था। उसके बाद से ही घाटी पूरी तरह सूनी हो गई थी, कहीं भी कोई पर्यटक नजर नहीं आ रहा था। लेकिन अब करीब 70 दिन बाद राज्यपाल द्वारा द्वारा ट्रैवल एडवाइजरी को वापस ले लिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब घाटी में पर्यटक की आवाजाही प्रारंभ होगी।
Govt of Jammu & Kashmir: Security advisory requesting tourists visiting J&K to curtail their stay in the Kashmir valley, is hereby withdrawn. Tourists desirous of undertaking visiting to the state shall be provided all necessary assistance & logistical support. pic.twitter.com/LOUcFT7x4u
— ANI (@ANI) October 10, 2019
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले इस अनुच्छेद के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने संबंधी विधेयक संसद में पास किया। इस फैसले के बाद राज्य के नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों समेत कई लोगों को नजरबंद किया गया है। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
बढ़ेगी पर्यटकों की चहल कदमी
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 7 अक्टूबर को सलाहकारों और मुख्य सचिव के साथ जम्मू और कश्मीर के मौजूदा हालात पर समीक्षा बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने पाबंदियों वाली एडवाइज़री को वापस लेने का निर्णय किया था और 10 अक्टूबर से आदेश लागू होने की बात कही थी।
जम्मू और कश्मीर से पाबंदियां हटने के बाद अब कश्मीर में पुन: वही रौनक लौट आएगी। पर्यटकों की एंट्री फिर से शुरू हो जाएगी। लेकिन अभी भी यहां पर कुछ ऐसी दिक्कतें हैं जिनका सामना करना पड़ सकता है। यहां पर अभी भी मोबाइल फोन, इंटरनेट की सुविधा पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं, हालांकि कई स्थानों पर लैंडलाइन की सुविधा चालू हो चुकी है।