डेथ एनिवर्सरी: किशोर कुमार ने अपनी दमदार गायक़ी की बदौलत जीते थे आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड

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‘आवाज़ का जादूगर’ कहे जाने वाले किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा जगत में प्लैबैक सिंगर, एक्टर, म्यूजिक डायरेक्टर, लिरिसिस्ट, स्क्रीप्ट राइटर, प्रोड्यूसर व फिल्म डायरेक्टर के रूप में काम किया था। किशोर द्वारा रिकॉर्ड किए गए ज्यादातर गाने हिट साबित हुए। यहां तक कि आज भी युवाओं का एक बड़ा वर्ग उनकी गायकी का प्रशंसक है। उन्होंने भारतीय संगीत को वो हिट नंबर्स दिए, जो सीधे इंसान की रूह में उतरते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर कुमार की आज 36वीं डेथ एनिवर्सरी है। इस अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनुसनी बातें…

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मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था जन्म

सुप्रसिद्ध कलाकार किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, 1929 को मध्य प्रदेश राज्य के खंडवा में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। वह अपने भाई-बहनों में दूसरे नंबर के थे। उनके पिता कुंजीलाल गांगुली एक जाने-माने वकील थे। किशोर जब सार्वजनिक मंच या किसी समारोह में गायन करते तो शान से कहते थे किशोर कुमार खंडवा वाले। किशोर के बड़े भाई अशोक कुमार भी बॉलीवुड कलाकार थे। वे किशोर कुमार को गायक नहीं एक्टर बनाना चाहते थे।

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किशोर कुमार ने अपनी स्कूल की पढ़ाई खंडवा से की। इसके बाद उन्होंने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान की उनकी एक आदत यह थी कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाना खाते और दोस्तों को भी खिलाते थे। किशोर ने कैंटीन वाले से 5 रुपए 12 आने का उधार लिया था। जिसकी अक्सर कैंटीन वाला मांग करता था। बाद में किशोर ने इस पर अपनी फिल्म में एक गाना भी बनाया था।

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किशोर दा का अभिनय और गायन करियर

गायक किशोर कुमार ने कई फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन वे गायक के रूप में वह अधिक सफ़ल हुए। उन्होंने ‘कौन जीता कौन हारा’, ‘मनमौजी’, ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘झुमरू’, ‘काला बाज़ार’, ‘शिकारी’ जैसी कई फिल्मों में एक्टिंग की, लेकिन गायकी ने किशोर को लोगों के बीच प्रसिद्धि दिलाई।

किशोर के गाए ‘मेरे महबूब कयामत होगी’, ‘एक लड़की भीगी भागी सी’, ‘मेरे सामने वाली खिड़की में’, ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’, ‘जिंदगी का सफर’, ‘कुछ तो लोग कहेंगे’, ‘पल-पल दिल के पास’ जैसे एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीतों को लोगों का खूब प्यार मिला।

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किशोर दा ने जीते थे आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड

मशहूर पार्श्व गायक किशोर की निजी ज़िंदग़ी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही थीं। उनकी चार शादियां हुईं। किशोर की पहली पत्नी बंगाली गायिका रुमा घोष थीं। इन दोनों के आपसी अनबन के कारण जल्द ही तलाक़ हो गया था। इसके बाद किशोर दा ने मशहूर एक्ट्रेस मधुबाला से शादी की थी। कुमार और मधुबाला फिल्म ‘महलों के ख़्वाब’ से दोनों एक-दूसरे के नजदीक़ आए थे। मधुबाला के साथ शादी करने के बाद उन्होंने नाम बदलकर इस्लामिक नाम ‘करीम अब्दुल’ भी रखा, लेकिन यह प्‍यार सिर्फ नौ साल ही चल पाया और मधुबाला का निधन हो गया।

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किशोर दा ने तीसरी शादी वर्ष 1976 में एक्ट्रेस योगिता बाली के साथ शादी की। लेकिन यह शादी भी ज्यादा दिन तक नहीं टिकी। योगिता ने बाद में वर्ष 1978 में उनहै से तलाक़ लेकर एक्टर मिथुन चकवर्ती से शादी की। किशोर कुमार ने एक बार फिर वर्ष 1980 में अपनी चौथी और आख़िरी शादी लीना चंद्रावरकर से की थी। उनसे उन्हें दो बेटे अमित कुमार और सुमित कुमार हैं। किशोर दा के बारे में कहा जाता कि वो अपने घर के बाहर एक बोर्ड लगाया करते थे, जिसपर लिखा होता था— ‘किशोर से सावधान।’

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फिल्मों से रिटायरमेंट के बाद पुश्तैनी गांव लौटने का था इरादा

गायक किशोर कुमार को उनकी दमदार गायक़ी के लिए आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे। फिल्म ‘हजार राहे जो मुड़ के देखी’ के गीत ‘थोड़ी सी बेवफाई’ सहित वर्ष ‘नमक हलाल’ के गाने ‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीत ‘अगर तुम ना होते’, ‘मंजिले अपनी जगह है’, ‘सागर किनारे दिल ये पुकारे’ के लिए किशोर को फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था।

वर्ष 1987 में किशोर दा ने फैसला किया कि वह फिल्मों से रिटायरमेंट लेने के बाद अपने पुश्तैनी गांव खंडवा लौट जाएंगे। वे अक्सर कहा करते थे, ‘दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में बस जाएंगे।’ लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका और किशोर कुमार 13 अक्टूबर, 1987 को 58 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए।

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