चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अचानक क्यों रोकनी पड़ी, अब मून मिशन कब होगा पूरा?

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो सोमवार को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग करने की सारी तैयारियां कर चुका था। सोमवार यानि आज सुबह करीब 3 बजे चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष में भेजा जाना था। इस मून मिशन से पूरे देश को काफी उम्मीदें थी मगर अचानक 56 मिनट पहले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को कैंसिल करना पड़ा। चंद्रयान-2 को देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 से लॉन्च किया जाना था।

… तो तीन महीने टल सकती है लॉन्चिंग

इसरो के मुताबिक जिस समय काउंटडाउन रोका गया, उसे देखते हुए लगता है कि क्रायोजेनिक इंजन और चंद्रयान-2 को जोड़ने वाले लॉन्च व्हीकल में लॉन्च के लिए सही दबाव नहीं बन रहा था। इस वजह से ऐन वक्त पर इस लॉन्चिंग को टालना पड़ा। पिछले बहुत दिनों से भारत के वैज्ञानिक इस लॉन्चिंग की तैयारी कर रहे थे मगर वो इसको लॉन्च करने में सफल नहीं हो सके। चंद्रयान—2 की लॉन्चिंग रोकने के बाद इसरो वैज्ञानिक ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक तकनीकी खामी कहां से आई। इसरों के वैज्ञानिक अगर अगले 4 दिनों में अगर चंद्रयान—2 को लॉन्च करने में सफल नहीं हुए तो फिर माना जा रहा है कि मून मिशन 2 का ये सपना आने वाले 3 ​महीने भी टल जाएगा।

चंद्रयान—2 में नहीं है कोई भी प्रॉब्ल्म

इसरो ने अधिकारिक जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी। एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।’ इस घोषणा के बाद से ही देशवासी और विज्ञान जगत से जुड़े लोग इस बात के लिए चिंतित है कि ​अब ये लॉन्चिंग कब होगी? इसरो के विश्वसनीय सूत्रों कि माने तो तकनीकी खामी चंद्रयान-2 में नहीं है बल्कि जीएसएलवी-एमके3 के क्रायोजेनिक इंजन और चंद्रयान-2 को जोड़ने वाले लॉन्च व्हीकल में ही कोई दिक्कत आई है। प्राथमिक जांच में लॉन्च व्हीकल में प्रेशर लीक की कमी देखी गई थी इसलिए अब रॉकेट के सभी हिस्सों को अलग-अलग करके जांच की जाएगी। इस जांच में काफी समय लग सकता है।

जनवरी में होनी थी चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग

इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले हफ्ते में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था। इसरो के प्रमुख के सिवन ने लॉन्च से पहले मीडिया को बताया कि अगर आज इसे टाल दिया जाता है तो कल इसे दोबारा भेजने का विकल्प है लेकिन लॉन्च विंडो को कई तकनीकी मानदंडों को पूरा करना पड़ता है इसलिए नई तारीख के लिए हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं।

अक्टूबर में हो सकती है चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग

जीएसएलवी-एमके3 को अलग-अलग करके जांच करने और उसमें आई तकनीकी खामी को सुधारने में काफी समय लगेगा। अगर वैज्ञानिक पूरा प्रयास करने के बाद भी चार दिनों के अंदर लॉन्च नहीं कर पाते तो अगले कुछ हफ्ते चंद्रयान की लॉन्चिंग संभव नहीं है। अगला लॉन्च विंडो अक्टूबर में आएगा। लॉन्च विंडो वह उपयुक्त समय होता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले उपग्रहों से टकराने की संभावना बेहद कम होती है।

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