हालिया वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में लगातार इतिहास रचते हुए बड़ी कामयाबी प्राप्त की है। भारत 15 जुलाई, 2019 को अपने अंतरिक्ष मिशन पर चंद्रयान-2 को भेजने की लगभग पूरी तैयारी कर चुका है। वहीं, इससे पहले आज बुधवार को भारत ने एक और नया कीर्तिमान रचा। भारत ने प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिसाइल व्हीकल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास रचा है। भविष्य के मिशन में कई तकनीकों के इस्तेमाल में इस प्रक्षेपण की अहम भूमिका रहेगी। इसका प्रक्षेपण ओडिशा के बालासोर तट से दूर अग्नि श्रृंखला की मिसाइल का उपयोग करके किया गया था।
डीआरडीओ और इसरो के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही ताकत
भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भविष्य में कई मिशनों को अंजाम देने वाले एक महत्वपूर्ण टेक्नॉलॉजिकल डिमॉन्सट्रेटर मिसाइल व्हीकल (टीडीएमवी) को लॉन्च किया है। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सचिव संजय मित्रा की मौजूदगी में किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मिसाइल अग्नि श्रृंखला से जुड़ी है। पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार की ओर से लगातार डीआरडीओ और इसरो को अपने क्षेत्र में ताकत बढ़ाने के लिए पूरा समर्थन मिल रहा है। भारत ने बीते दिनों में भी अंतरिक्ष की दुनिया में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
इसरो की तर्ज पर अब डीएसआरओ बनाने की तैयारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब दुनिया की उन अंतरिक्ष संस्थानों में शामिल हो गया है, जो ना सिर्फ अपने देश बल्कि दूसरे देशों के कई मिशनों को कामयाब कर रहा है। वहीं, अगर डीआरडीओ की बात करें तो वह भी अपनी नई-नई तकनीकों के जरिए दुनिया को लगातार चौंकाने में लगा है।
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इस के तर्ज पर भारत डीएसआरओ बनाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, ‘मिशन शक्ति’ यानी वह परीक्षण है, जिसमें भारत ने अंतरिक्ष में उपग्रह को एसेट रॉकेट से मार गिराया था। इसके बाद भारत को बड़ी ताकत मिली है, जिसके जरिए वह अंतरिक्ष में सुरक्षा के लिए अलग एजेंसी बना सकता है। इसी के तहत रक्षा अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (डीएसआरओ) बनाने का निर्णय लिया जा सकता है। वर्तमान सरकार इस तरह के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए तैयार खड़ी है।